
नई दिल्ली | 24 अक्टूबर 2025: दिल्ली के रोहिणी इलाके में बुधवार देर रात पुलिस ने एक बड़ा ऑपरेशन अंजाम दिया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस की संयुक्त टीम ने एक विशेष अभियान के तहत कुख्यात अपराधियों के एक गिरोह को घेर लिया। जवाबी फायरिंग में चार मोस्ट वांटेड गैंगस्टर ढेर हो गए।
मरने वालों में बिहार के कुख्यात गैंग सरगना रंजन पाठक भी शामिल है, जिस पर हत्या, लूट, रंगदारी और अवैध हथियारों के कई गंभीर मामले दर्ज थे। बताया जा रहा है कि रंजन पाठक लंबे समय से बिहार से फरार था और दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय होकर अपराध की नई जड़ें जमा रहा था।
रात 2:20 बजे हुआ ऑपरेशन, गोलियों की आवाज़ से दहला इलाका
सूत्रों के मुताबिक, बुधवार देर रात लगभग 2:20 बजे दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-28 के पास डॉ. भीमराव अंबेडकर चौक से पंसाली चौक के बीच पुलिस ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलिस को पहले से इन अपराधियों की मौजूदगी की गोपनीय सूचना मिली थी।
सूचना के आधार पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस की एक विशेष टीम ने इलाके की घेराबंदी की। जैसे ही पुलिस ने संदिग्ध वाहन को रोकने की कोशिश की, बदमाशों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी।
इसके जवाब में पुलिस ने भी काउंटर फायरिंग की। करीब 10 मिनट तक चली इस मुठभेड़ में चारों अपराधी मौके पर ही ढेर हो गए।
पुलिस कर्मियों को कोई गंभीर चोट नहीं
घटना के बाद घायल बदमाशों को डॉ. भीमराव अंबेडकर (बीएसए) अस्पताल, रोहिणी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने चारों को मृत घोषित कर दिया।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान किसी भी पुलिसकर्मी को गंभीर चोट नहीं आई। अधिकारियों के मुताबिक, ऑपरेशन बेहद योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था ताकि आम नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे।
मारे गए अपराधियों की पहचान
पुलिस ने मारे गए चारों अपराधियों की पहचान की पुष्टि की है —
- रंजन पाठक (25 वर्ष) – पिता मनोज पाठक, निवासी मलहई, थाना सुरसंड, जिला सीतामढ़ी, बिहार।
- बिमलेश महतो उर्फ बिमलेश साहनी (25 वर्ष) – पिता सुखला देवी, निवासी रतनपुर, थाना बजपट्टी, जिला सीतामढ़ी, बिहार।
- मनीष पाठक (33 वर्ष) – पिता अरविंद पाठक, निवासी मलहई, थाना सुरसंड, जिला सीतामढ़ी, बिहार।
- अमन ठाकुर (21 वर्ष) – पिता संजीव ठाकुर, निवासी शेरपुर, करावल नगर, दिल्ली।
इनमें से तीन अपराधी बिहार के सीतामढ़ी जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं, जबकि एक आरोपी दिल्ली के करावल नगर का निवासी था।
कई राज्यों में फैला था रंजन पाठक गैंग का नेटवर्क
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि रंजन पाठक गैंग बिहार के सीमावर्ती जिलों — सीतामढ़ी, मधुबनी और शिवहर — में कई वर्षों से रंगदारी और हत्या के मामलों में सक्रिय था।
बिहार पुलिस की जानकारी के अनुसार, रंजन पाठक पर हत्या, रंगदारी, अपहरण, लूट और गैंग एक्ट जैसे मामलों में दो दर्जन से अधिक केस दर्ज थे। पिछले कुछ महीनों से वह दिल्ली और हरियाणा में छिपकर अपने नेटवर्क को पुनर्संगठित कर रहा था।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह गिरोह हाल के दिनों में दिल्ली और एनसीआर में रंगदारी वसूली और हथियार सप्लाई से जुड़ी गतिविधियों में सक्रिय था।
संयुक्त ऑपरेशन की गुप्त तैयारी
बिहार पुलिस को कुछ सप्ताह पहले यह इनपुट मिला था कि रंजन पाठक अपने साथियों के साथ दिल्ली में छिपा हुआ है। इसके बाद बिहार पुलिस की विशेष टीम ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया।
दोनों राज्यों की पुलिस के बीच समन्वय बैठकों के बाद संयुक्त ऑपरेशन की योजना बनाई गई। 23 अक्टूबर की रात को जब गुप्तचर शाखा ने अपराधियों की लोकेशन रोहिणी में कंफर्म की, तो तुरंत कार्रवाई शुरू की गई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमारे पास पुख्ता सूचना थी कि यह गैंग किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। इसीलिए बिना देरी किए ऑपरेशन को अंजाम देना जरूरी था।”
हथियार और गोला-बारूद बरामद
मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने चार अत्याधुनिक पिस्तौल, बड़ी संख्या में कारतूस और एक सफेद रंग की SUV बरामद की है। वाहन को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है और फॉरेंसिक टीम ने मौके से गोलियों के खोल और साक्ष्य एकत्र किए हैं।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि बरामद हथियार नालंदा और सीतामढ़ी से जुड़े अवैध हथियार गिरोहों से खरीदे गए थे। इस संबंध में अब जांच बिहार पुलिस को सौंपी जा रही है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त ने की सराहना
दिल्ली पुलिस आयुक्त ने इस सफल ऑपरेशन में शामिल अधिकारियों और जवानों की सराहना करते हुए कहा कि,
“यह ऑपरेशन दिल्ली पुलिस और बिहार पुलिस के बीच शानदार समन्वय का परिणाम है। दोनों टीमों ने मिलकर बिना किसी नागरिक को नुकसान पहुँचाए एक बड़े अपराधी नेटवर्क को खत्म किया।”
वहीं, बिहार पुलिस के एडीजी (मुख्यालय) ने भी संयुक्त कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि “रंजन पाठक जैसे अपराधियों का अंत कानून की जीत है। अब राज्य में उसके नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त किया जाएगा।”
स्थानीय लोगों में राहत की भावना
घटना के बाद आसपास के इलाकों में पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। एक निवासी ने बताया, “रात में गोलियों की आवाज़ें सुनकर डर लगा था, लेकिन सुबह जब पता चला कि अपराधी मारे गए हैं, तो सबने चैन की सांस ली।”
पुलिस फिलहाल इस मुठभेड़ से जुड़े तकनीकी साक्ष्यों और मोबाइल डेटा की जांच कर रही है, ताकि गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों तक पहुँचा जा सके।
रोहिणी में हुई यह मुठभेड़ केवल अपराधियों के खात्मे की खबर नहीं, बल्कि यह भी संदेश है कि राज्य और केंद्र की कानून-व्यवस्था एजेंसियाँ अब आपसी समन्वय के साथ अपराध के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने को तैयार हैं।
बिहार के मोस्ट वांटेड अपराधी रंजन पाठक और उसके साथियों का एनकाउंटर इस बात का उदाहरण है कि अब अपराध का ठिकाना कहीं भी क्यों न हो, कानून का शिकंजा उससे एक कदम आगे है।
 
				


