
उत्तराखंड में फर्ज़ी किसानों द्वारा सरकारी रकम लिये जाने के बड़े घपले का खुलासा होने पर राज्य सरकार पूरी तरह से चौकन्नी हो गई है. पीएम किसान सम्मान निधि के तहत १७ हजार से अधिक किसानों से वसूली की जा रही है क्योंकि ये किसान जांच में अपात्र पाए गए हैं. पिछले पांच सालों में किसान के नाम पर रजिस्टर्ड इन अपात्र लोगों के खातों में 17 करोड़ पचास लाख से अधिक की रकम जा चुकी है. इस घपले के सामने आने के बाद राज्य सरकार इस योजना की तर्ज़ पर जो सीएम किसान निधि शुरू करने वाली थी, उसे लेकर भी पहले से सतर्क हो गई है.
आपको बता दें डिफॉल्टर किसान सबसे ज्यादा 3500 की संख्या में टिहरी में हैं. दूसरे नंबर पर हरिद्वार और तीसरे नंबर पर नैनीताल ज़िले में फर्ज़ी किसान सबसे ज़्यादा पाए गए हैं. किसानों की सूची में शामिल ऐसे लाभार्थियों में से कई तो आयकर दाता पाए गए हैं, तो बड़ी संख्या में सरकारी नौकरीपेशा लोग भी इस योजना का लाभ बड़े मजे से ले रहे हैं. राज्य के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि सभी डीएम को इन अपात्र किसानों से धनराशि वसूली के आदेश जारी किए गए हैं. कुछ किसानों से अब तक एक करोड़ 80 लाख की वसूली भी हो चुकी है. पीएम किसान सम्मान निधि के आंकड़े बता रहे हैं कि उत्तराखंड से नौ लाख 47 हजार किसान इस योजना में रजिस्टर्ड हैं. और डिफॉल्टर पाए गए 17 हजार किसानों को अगर छोड़ भी दिया जाए, तो अभी भी ४२ हजार ऐसे किसान हैं, जिनकी जांच ही अभी नहीं हो पाई सरकार की कोशिश है कि सीएम किसान सम्मान निधि योजना लॉन्च करने से पहले पूरी सूची को शॉर्ट लिस्ट करा लिया जाए.
दरसल जल्द ही केंद्र की तर्ज़ पर सीएम किसान सम्मान निधि देने की तैयारी कर रही राज्य सरकार को सतर्क कर दिया है. केंद्र इस योजना के तहत 6000 रुपये किसानों को देता है जबकि उत्तराखंड सरकार इसके अलावा 2000 रुपये और किसानों को देने की योजना बना रही है. कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि इसका ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है. राज्य की योजना पर साल में करीब 1.90 करोड़ का खर्चा आएगा दरअसल, बीजेपी ने चुनाव में जाने से पहले अपने विज़न डॉक्यूमेंट में सत्ता में आने पर पीएम किसान सम्मान निधि योजना की तर्ज़ पर सीएम किसान प्रोत्साहन निधि योजना शुरू करने का वादा किया था.और माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही कैबिनेट बैठक बुलाकर इस योजना को हरी झंडी दे सकती है.