सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 20 मई को वरिष्ठ अधिवक्ताओं से ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान बार के युवा वकीलों को मौका दिए जाने की अपील की. एक सिविल अपील पर सुनवाई के दौरान जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस संजय करोल की बेंच ने कहा कि युवा वकीलों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान बहस करने का मौका मिलना चाहिए. जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने यह बात उस समय कही, जब वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए और दलीलें पेश करने लगे. बेंच की अपील पर सिंघवी ने कहा कि वह निश्चित तौर पर इसका समर्थन करेंगे और उन्होंने कोर्ट से इस पर नियम लाने का भी अनुरोध किया.
बेंच में शामिल जस्टिस करोल ने कोर्ट में मौजूद सभी वरिष्ठ अधिवक्ताओं से कहा कि बार के युवा वकीलों को छुट्टियों के दौरान मौका दें. इसके जवाब में सिंघवी ने कहा कि एक बात कह सकता हूं कि अगर लॉर्डशिप इस पर एक नियम लें आएं तो यह करना बहुत ही आसान होगा. सिंघवी की इस बात पर जस्टिस करोल ने कहा कि ऐसा करना कोर्ट का काम नहीं है. इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि आप ऐसा कह सकते हैं. ऐसा सामूहिक रूप से किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि यह समस्या है कि 10 सहयोगी पेश होते हैं और 10 नहीं.
सुनवाई के दौरान जस्टिस करोल ने कहा कि कोर्ट चाहती है कि युवा भी बार में बढ़ें और छुट्टियों के दौरान युवा अधिवक्ताओं को दलीलें पेश करने का मौका मिले. जस्टिस करोल ने कहा हम बस इतना ही चाहते हैं कि युवाओं को आगे आने का मौका मिले. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कुछ बेंच वरिष्ठों को मामले पर बहस करने की मंजूरी नहीं दे रही हैं और इसी तरह से यह बेंच भी ऐसा कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट का ग्रीष्मकालीन अवकाश आज सोमवार 20 मई से शुरू हो गया है और यह जुलाई के पहले सप्ताह तक जारी रहेगा. इस अवधि के दौरान मामलों की सुनवाई अवकाशकालीन बेंच द्वारा की जाएगी.