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नई दिल्ली :अध्यात्म हमारी सबसे बड़ी शक्ति है यह हमारे राष्‍ट्र की अंतरात्मा है – उपराष्ट्रपति

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उपराष्ट्रपति ने एकता, शांति और सामाजिक सद्भाव के भारतीय सभ्यतागत मूल्यों के संवर्धन के लिए ‘आध्यात्मिक पुनर्जागरण’ की अपील की

भगवद्गीता मानव अस्तित्व की सभी समस्याओं का अंतर-दृष्टिपूर्ण समाधान प्रदान करती है – श्री नायडू

उपराष्‍ट्रपति ने इस्कॉन के संस्थापक श्रीला प्रभुपाद की जीवनी-

सिंग, डांस एंड प्रे – की प्रेरणादायी कहानी का विमोचन किया

उपराष्ट्रपति ने श्रीला प्रभुपाद को भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिकता के महानतम राजदूतों में से एक बताया

स्कूलों में अनिवार्य सामुदायिक सेवा छात्रों के बीच सेवा और साझा तथा देखभाल  करने की भावना संचारित करने में सहायता करती है :  नायडू

उपराष्ट्रपति  एम. वेंकैया नायडू ने आज कहा कि भारतीय सभ्यता एकता, शांति और सामाजिक सद्भाव के सार्वभौमिक मूल्यों की प्रतीक है और उन्‍होंने इन सदियों पुराने मूल्यों को संरक्षित और प्रचारित करने के लिए ‘आध्यात्मिक पुनर्जागरण’ की अपील की।

उप-राष्ट्रपति निवास में आज “ सिंगडांस एंड प्रे – श्रीला प्रभुपाद की प्रेरणादायक कहानी” पुस्तक का विमोचन करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने युवाओं से स्वामी प्रभुपाद जैसे महान संतों और आध्यात्मिक गुरुओं से प्रेरणा लेने और बेहतर इंसान बनने के लिए अनुशासन, कड़ी मेहनत, धैर्य और सहानुभूति जैसे गुणों को आत्मसात करने के लिए कहा। उन्होंने कहा  कि आपको हमेशा जाति, लिंग, धर्म और क्षेत्र के संकीर्ण विचारों से ऊपर उठकर समाज में एकता, सद्भाव और शांति लाने के लिए कार्य करना चाहिए। डॉ. हिंडोल सेनगुप्ता द्वारा लिखित यह पुस्तक इस्कॉन के संस्थापक श्रीला प्रभुपाद की जीवनी है।

उपराष्ट्रपति ने श्रीला प्रभुपाद को भगवद गीता के संदेश को दुनिया भर में लोकप्रिय बनाने का श्रेय देते हुए उन्हें आधुनिक युग में भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे महान राजदूतों में से एक कहा। अध्यात्म को हमारी सबसे बड़ी शक्ति बताते हुए उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता हमारे राष्ट्र की आत्मा रही है और प्राचीन काल से ही हमारी सभ्यता की आधारशिला रही है। हमारे प्राचीन धर्मग्रंथों की उनके दिव्य आध्यात्मिक मूल्य के लिए प्रशंसा करते हुए श्री नायडू ने कहा कि सहस्राब्दियों से, वे लोगों को नैतिकता और मूल्यों के आधार पर एक आदर्श जीवन जीने का संदेश देते रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि हमारा धर्मग्रंथ भगवद गीता मानव अस्तित्व की सभी समस्याओं का अंतरदृष्टिपूर्ण समाधान प्रदान करता है, जिसमें दृष्टिकोण से लेकर पीड़ा से मुक्ति, आत्म-प्राप्ति और मोक्ष या मोक्ष प्राप्त करने, धर्म की प्रकृति और महत्व से लेकर कर्म, भक्ति का और अन्य दार्शनिक प्रश्नों की एक विस्तृत श्रृंखला का अत्यधिक महत्व है।

भारत को भक्ति की भूमि बताते हुए श्री नायडू ने कहा कि भक्ति भारतीयों की रगो में दौड़ती है और भारत की सामूहिक सभ्यतागत चेतना की जीवन रेखा है। श्री नायडू ने बताया कि भारत में कई ऋषियों, मुनियों और आचार्यों ने गैर-सांप्रदायिक, सार्वभौमिक पूजा पद्धति के माध्यम से जनता का उत्थान किया है, और उन्‍होंने “वसुधैव कुटुम्बकम” के संदेश का प्रचार करने के लिए श्रीला प्रभुपाद की सराहना की।

श्रीला प्रभुपाद को समतामूलक विचारों का पथ-प्रदर्शक बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने समाज द्वारा त्यागे गए लोगों को गले लगाया और उनके जीवन में खुशी और तृप्ति लाए। वैदिक ज्ञान और संस्कृति के प्रचार के माध्यम से सार्वभौमिक शांति और सद्भाव की दिशा में श्रीला प्रभुपाद के अथक प्रयासों की प्रशंसा करते हुए  श्री नायडू ने कहा, “उन्होंने जिस एकमात्र मानदंड पर जोर दिया, वह था भक्ति, या ईश्वर का प्रेम।” उपराष्ट्रपति ने अपने गुरु के मिशन को आगे बढ़ाने में इस्कॉन, बैंगलोर के अध्यक्ष श्री मधु पंडित दास के प्रयासों की भी सराहना की।

स्वामी प्रभुपाद की इच्छा को स्‍मण करते हुए कि कृष्ण मंदिर के दस मील के दायरे में कोई भी भूखा न रहे। उपराष्ट्रपति ने सेवा की अद्भुत भावना के लिए इस्कॉन की प्रशंसा की। सेवा की इस भावना और भारतीय मूल्य प्रणाली के मूल के रूप में ‘शेयर एंड केयर’ का उल्लेख करते हुए  श्री नायडू ने इच्‍छा जताई कि युवा इन मूल्यों को आत्‍मसात करें और इस उद्देश्य से  उन्‍होंने स्कूलों और कॉलेजों में सामुदायिक सेवा को अनिवार्य बनाने का सुझाव दिया। उपराष्ट्रपति ने वंचित बच्चों और समुदायों को अमूल्य सेवा प्रदान करने के लिए इस्कॉन के अक्षय पात्र फाउंडेशन – विश्‍व के सबसे बड़े एनजीओ द्वारा संचालित स्कूल लंच कार्यक्रम –  की भी सराहना की।

लेखक डॉ. हिंडोल सेनगुप्ता और इस्कॉन बैंगलोर को सिंगडांसएंड प्रे पुस्तक प्रकाशित करने के लिए बधाई देते हुए उपराष्ट्रपति ने इसे श्रीला प्रभुपाद को उनकी 125वीं जयंती पर एक उपयुक्त श्रद्धांजलि दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह जीवनी पाठकों को इस सिद्धांत को अपने दैनिक जीवन में उतारने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने लेखक और प्रकाशकों को इस पुस्तक का विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद करवाने के लिए भी प्रोत्साहित किया।

इस्कॉन बैंगलोर के अध्यक्ष और अक्षय पात्र के चेयरमैन  मधु पंडित दास, उपाध्यक्ष  चंचलपति दास, पुस्तक के लेखक और इतिहासकार डॉ हिंडोल सेनगुप्ता, इस्कॉन के भक्त और अन्य व्‍यक्ति भी पुस्तक के विमोचन समारोह के दौरान उपस्थित थे।

The Vice President, Shri M. Venkaiah Naidu releasing the book Sing, Dance and Pray – the inspirational story of Srila Prabhupada” at Upa-Rashtrapati Nivas, in New Delhi on July 24, 2022.
The Vice President, Shri M. Venkaiah Naidu addressing the gathering after releasing the book Sing, Dance and Pray – the inspirational story of Srila Prabhupada” at Upa-Rashtrapati Nivas, in New Delhi on July 24, 2022
The Vice President, Shri M. Venkaiah Naidu addressing the gathering after releasing the book Sing, Dance and Pray – the inspirational story of Srila Prabhupada” at Upa-Rashtrapati Nivas, in New Delhi on July 24, 2022

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