
नई दिल्लीः उत्तर भारत में ठंड ने अब आधिकारिक रूप से दस्तक दे दी है। पहाड़ी राज्यों में लगातार हो रही बर्फबारी और बारिश के कारण दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। सुबह और शाम के समय हल्की ठंड महसूस की जा रही है। राजधानी दिल्ली में लोग अब रात के समय पंखा या एसी बंद कर हल्के कंबल का सहारा लेने लगे हैं।
इस बीच देश के कई राज्यों में झमाझम बारिश जारी है, जिससे मौसम में नमी और ठंडक दोनों बढ़ गई हैं। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यह बदलाव उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता का नतीजा है।
IMD का अलर्ट: दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने अपने ताज़ा पूर्वानुमान में बताया है कि
- तमिलनाडु, आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और माहे में 9 से 12 अक्टूबर तक कई इलाकों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।
- तेलंगाना में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है।
- वहीं, ओडिशा में 9 से 11 अक्टूबर के बीच हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं।
- पूर्वोत्तर के राज्यों — असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा — में 9-10 अक्टूबर के दौरान बारिश के कई दौर देखने को मिल सकते हैं।
- अरुणाचल प्रदेश में भी 10 अक्टूबर को हल्की से मध्यम वर्षा का अनुमान जताया गया है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत में यह बारिश का सिलसिला जारी है।
राजस्थान में मौसम शुष्क, लेकिन ठंड की आहट
राजस्थान में फिलहाल मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है। हाल के दिनों में हुई हल्की बारिश के बाद अब राज्य का मौसम शुष्क होने लगा है।
जयपुर, कोटा और उदयपुर में सुबह-शाम हल्की ठंडक महसूस की जा रही है, जबकि दिन में धूप खिली है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले एक सप्ताह तक प्रदेश में किसी बड़े पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना नहीं है, इसलिए बारिश की कोई संभावना नहीं है।
हालांकि, अक्टूबर के आखिरी सप्ताह या नवंबर की शुरुआत तक ठंड में तेजी से इजाफा होने के आसार हैं।
स्थानीय मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दिन का तापमान सामान्य रहेगा लेकिन रात का पारा धीरे-धीरे 18 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है।
पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी से जमी सफेद चादर
उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में इस समय बर्फबारी का दौर जारी है।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, मंडी और लाहौल-स्पीति जिलों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ताज़ा बर्फबारी के कारण शीतलहर का असर शुरू हो गया है।
- लाहौल-स्पीति के गोंधला में 30 सेंटीमीटर,
- केलांग में 15 सेंटीमीटर,
- हंसा में पांच सेंटीमीटर,
- और कुकुमसेरी में 3.2 सेंटीमीटर बर्फ रिकॉर्ड की गई है।
मनाली-लेह मार्ग पर बर्फ जमने के कारण यातायात आंशिक रूप से बाधित हुआ और प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र वाहनों को दारचा में रोक दिया है।
हिमाचल और उत्तराखंड में गिरा तापमान
मौसम विभाग ने बताया कि इन पहाड़ी इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच से छह डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है, जबकि अधिकतम तापमान में सात से 14 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है।
इससे पहाड़ी इलाकों में ठिठुरन का माहौल है और ऊंचाई वाले गांवों में लोगों ने हीटर और लकड़ी के अंगीठे जलाने शुरू कर दिए हैं।
उत्तराखंड के बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में भी हल्की बर्फबारी हुई है। बदरीनाथ में तापमान माइनस 1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जबकि जोशीमठ और औली में भी ठंडी हवाएं तेज हैं।
मैदानों में भी ठंड का असर शुरू
दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पंजाब के इलाकों में रात और सुबह के समय हल्की ठंड महसूस की जा रही है।
दिल्ली में अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है, जो सामान्य से करीब दो डिग्री कम है।
गाजियाबाद, गुरुग्राम और नोएडा जैसे उपनगरीय इलाकों में लोग अब रात को बिना पंखे के सोने लगे हैं। वहीं, हरियाणा के करनाल और अंबाला में न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
मौसम विशेषज्ञों की राय
आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर.के. जेनामनी ने बताया कि
“उत्तर भारत में तापमान में गिरावट का सिलसिला अब लगातार जारी रहेगा। अगले दस दिनों में अधिकांश राज्यों में सुबह के समय हल्की सर्दी महसूस की जाएगी। नवंबर के पहले हफ्ते तक न्यूनतम तापमान औसतन 15 डिग्री तक पहुंच सकता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी के कारण उत्तर भारत की ठंडी हवाएं मैदानों की ओर बहने लगी हैं, जिससे पूरे उत्तरी भारत में ठंड की शुरुआत हो गई है।
लोगों के लिए सलाह
मौसम विभाग ने नागरिकों को बदलते मौसम में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है।
विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या सर्दी-जुकाम के रोगियों को मौसमी संक्रमण से बचाव के लिए सावधान रहने को कहा गया है।
डॉक्टरों का कहना है कि सुबह-शाम ठंडी हवा में बाहर निकलने से बचें, शरीर को ढककर रखें और पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन करें।
मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है, जो उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में फिर से बारिश और बर्फबारी ला सकता है। इससे दीवाली से पहले ठंड में और तेजी आने की संभावना है।
देश का मौसम अब तेजी से बदल रहा है — पहाड़ों में बर्फबारी, मैदानों में ठंडक और दक्षिण भारत में बारिश — यह सब मिलकर अक्टूबर को एक संक्रमणकालीन मौसम का महीना बना रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर से लेकर दारचा, और कोयंबटूर से लेकर गंगटोक तक, भारत के अलग-अलग हिस्सों में मौसम अब सर्दियों की दस्तक दे चुका है।