देशफीचर्ड

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल फाइटर जेट में भरी उड़ान, स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह से मुलाकात — पाकिस्तान का झूठ हुआ बेनकाब

महिला शक्ति और भारतीय वायुसेना के गौरव का अनोखा संगम, अंबाला एयरबेस से राष्ट्रपति की ऐतिहासिक उड़ान

अंबाला: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राफेल फाइटर जेट में उड़ान भरी। यह उड़ान हरियाणा के अंबाला एयरबेस से हुई, जहां उन्होंने भारतीय वायुसेना की महिला फाइटर पायलट स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह से भी मुलाकात की।

इस उड़ान ने न केवल भारतीय वायुसेना के आत्मविश्वास और क्षमता को प्रदर्शित किया, बल्कि देश की महिला शक्ति को भी नई उड़ान दी।

राष्ट्रपति मुर्मू ने राफेल उड़ान के बाद कहा —

“यह मेरे लिए गर्व और सम्मान का क्षण है। भारतीय वायुसेना के पराक्रमी जवानों के साथ उड़ान भरना मेरे जीवन का अविस्मरणीय अनुभव है। मैं देश की हर बेटी से कहना चाहती हूँ कि आकाश की कोई सीमा नहीं है।”


राफेल उड़ान के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के झूठ का पर्दाफाश

इस ऐतिहासिक अवसर का एक और बड़ा पहलू यह रहा कि राष्ट्रपति मुर्मू की यह उड़ान स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह के साथ हुई — वही पायलट, जिन्हें लेकर पाकिस्तान ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान झूठ फैलाया था

दरअसल, कुछ महीने पहले पाकिस्तान ने अपने सरकारी चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह फर्जी दावा किया था कि भारत के एक राफेल विमान को मार गिराया गया और उसकी महिला पायलट शिवांगी सिंह को पकड़ लिया गया
हालांकि भारत ने तुरंत इन खबरों को “बिलकुल मनगढ़ंत और झूठा प्रचार” बताते हुए खारिज कर दिया था।

आज जब राष्ट्रपति स्वयं शिवांगी सिंह से मिलीं और उनके साथ राफेल जेट के जरिए उड़ान भरी, तो पाकिस्तान के झूठ की पोल पूरी तरह खुल गई।
यह न केवल एक कूटनीतिक जवाब था, बल्कि यह दिखाने वाला संदेश भी कि भारत की बेटियाँ किसी अफवाह नहीं, बल्कि इतिहास रचने के लिए जानी जाती हैं।


शिवांगी सिंह: भारत की पहली महिला राफेल पायलट

स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह भारतीय वायुसेना की सबसे प्रेरणादायक हस्तियों में से एक हैं।
वे भारत की पहली महिला राफेल पायलट हैं, जिन्होंने फ्रांस निर्मित इस अत्याधुनिक सिंगल-सीटर फाइटर जेट को उड़ाने का गौरव हासिल किया है।

शिवांगी सिंह को 2015 में फाइटर पायलट के रूप में कमीशन किया गया था।
वे मूल रूप से वाराणसी, उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं और उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
बीएचयू में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) में हिस्सा लिया और तभी से भारतीय वायुसेना में शामिल होने का सपना देखा था।

उनका कहना है —

“मैंने बचपन में आसमान की ओर देखा और हमेशा सोचा कि मैं एक दिन उन बादलों के बीच उड़ान भरूंगी। भारतीय वायुसेना ने मेरा वह सपना साकार किया।”


करगिल से लेकर राफेल तक — भारत की बेटियाँ अब वायुसीमा की रखवाली में

शिवांगी सिंह की कहानी अकेली नहीं है।
बीते एक दशक में भारतीय वायुसेना ने महिला पायलटों को कई अहम भूमिकाओं में मौका दिया है।
अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह — ये तीन नाम भारतीय वायुसेना में पहली बार फाइटर जेट उड़ाने वाली महिला पायलटों के रूप में इतिहास में दर्ज हैं।

अब राफेल स्क्वाड्रन में शिवांगी सिंह का शामिल होना और राष्ट्रपति का उनके साथ उड़ान भरना, यह संदेश देता है कि भारत “नारी शक्ति के युग” में प्रवेश कर चुका है।
यह न केवल सशस्त्र बलों की सोच में बदलाव का प्रतीक है, बल्कि भारतीय समाज के उस बदलते आत्मविश्वास का प्रमाण है जिसमें बेटियाँ अब सिर्फ सपने नहीं देखतीं — उन्हें पूरा भी करती हैं।


राफेल: भारत की आसमान पर दहाड़ती शक्ति

राफेल लड़ाकू विमान को भारत ने फ्रांस से 2016 में हुई डील के तहत हासिल किया था।
यह 4.5 पीढ़ी का मल्टीरोल फाइटर जेट है जो हवा से हवा में और हवा से जमीन पर दोनों तरह के हमलों में सक्षम है।
इसमें Meteor और Scalp जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें लगी हैं जो इसे किसी भी विरोधी देश के लिए चुनौतीपूर्ण बनाती हैं।

राफेल की तैनाती अंबाला और हाशिमारा एयरबेस पर की गई है।
इन्हीं में से अंबाला एयरबेस पर आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उड़ान भरी — जो भारतीय सशस्त्र बलों के इतिहास में राष्ट्रपति द्वारा की गई सबसे उच्च तकनीकी सैन्य उड़ानों में गिनी जाएगी।


महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा का संगम

राष्ट्रपति मुर्मू की यह उड़ान केवल तकनीकी या प्रतीकात्मक नहीं थी — यह महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच गहरे तालमेल का प्रतीक थी।
भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्वारा फाइटर जेट उड़ाना, यह दर्शाता है कि भारत अब किसी भी क्षेत्र में महिलाओं को पीछे नहीं रखता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर राष्ट्रपति और भारतीय वायुसेना दोनों को बधाई दी।
रक्षा मंत्री ने कहा —

“राष्ट्रपति महोदया का यह कदम देश की बेटियों के लिए प्रेरणा है और भारतीय वायुसेना के लिए गर्व का क्षण।”


पाकिस्तान की ‘फेक न्यूज़ फैक्ट्री’ को कड़ा जवाब

विशेषज्ञों का मानना है कि इस उड़ान का राजनीतिक और रणनीतिक दोनों ही महत्व है।
जहाँ एक ओर यह भारतीय वायुसेना की ताकत को प्रदर्शित करता है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के “प्रचार युद्ध (Information Warfare)” को करारा जवाब भी देता है।

रक्षा विश्लेषक मेजर जनरल एस.पी. सिन्हा (सेवानिवृत्त) कहते हैं —

“जब भारत की राष्ट्रपति स्वयं उस पायलट से मिलती हैं जिसे पाकिस्तान ने ‘कैद किया’ बताकर झूठ फैलाया था, तो यह किसी भी दुष्प्रचार के खिलाफ सबसे सशक्त जवाब है।”

उन्होंने कहा कि यह केवल एक उड़ान नहीं, बल्कि ‘विश्वसनीयता की उड़ान’ (Flight of Credibility) थी — जिसमें सच, साहस और सम्मान एक साथ उड़े।


आकाश में गूँजी नारी शक्ति की गूँज

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह की यह मुलाकात और उड़ान भारत के रक्षा इतिहास में ‘मील का पत्थर’ साबित होगी। यह सिर्फ एक फ्लाइट नहीं थी — यह आत्मनिर्भर भारत, नारी सशक्तिकरण और सैन्य सम्मान का संगम थी।

जब राष्ट्रपति ने राफेल के कॉकपिट से उतरकर मुस्कुराते हुए कहा —

“भारत का आसमान अब पहले से ज्यादा सुरक्षित है” —
तो यह सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के गर्व की प्रतिध्वनि थी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button