ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने Nipah Virus से बचाव के लिए वैक्सीन बनाने की तैयारी शुरू की है. अगले 100 दिन में वैक्सीन बनाने की योजना बनाई गई है. वैक्सीन बनाने के लिए भागीदारों की तलाश की जा रही है. आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के डीजी राजीव बहल ने कहा कि देश में किसी भी नई बीमारी के खिलाफ 100 दिन में वैक्सीन बनाने का संकल्प लिया है.
आपको बता दें कि केरल में अब तक निपाह वायरस के छह केस सामने आ चुके हैं, दो संक्रिमितों की मौत हो चुकी है. आईसीएमआर इस बढ़ते खतरे को लेकर सतर्क है. उसने निपाह वायरस की वैक्सीन बनाने की तैयारी शुरू कर दी है, इसके अलावा डेंगू और टीबी की वैक्सीन पर भी काम चल रहा है.
उन्होंने कहा कि निपाह में संक्रमित लोगों की मृत्यु दर बहुत अधिक है (40 से 70 प्रतिशत के बीच) जबकि कोविड में मृत्यु दर 2-3 प्रतिशत थी. कोझिकोड में निपाह वायरस के एक ताजा मामले की पुष्टि हुई, जिससे राज्य में संक्रमित लोगों की कुल संख्या छह हो गई, जिनमें से दो की पहले ही मौत हो चुकी थी.
आईसीएमआर के डीजी ने बताया कि अब निपाह वायरस के संक्रमण की जांच केरल के ही BSL III लैब में कराई जा रही है. अब निपाह का सैंपल NIV पुणे नहीं भेजना होगा. सरकार ने निपाह संक्रमितों के लिए ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 डोज और मंगवाई हैं.
उन्होंने कहा कि अभी उनके पास 10 मरीजों के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपलब्ध है. हालांकि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कितनी सटीक है, इसे लेकर परीक्षण चल रहा है. भारत में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी अब तक किसी को नहीं दी गई है. उन्होने कहा,” हमने कोविड के दौरान डीएनए वैक्सीन, एमआरएनए वैक्सीन, एडेनोवायरल वेक्टर वैक्सीन, प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन और नेज़ल वैक्सीन जैसे विभिन्न प्लेटफार्मों पर टीके विकसित किए हैं, और हम इन विविध प्लेटफार्मों का उपयोग निपाह संक्रमण जैसी बीमारी के खिलाफ नई वैक्सीन विकसित करने के लिए कर सकते हैं.”