
इस्लामाबाद/नई दिल्ली : भारत द्वारा आतंकवादी ठिकानों पर की गई सख्त कार्रवाई और उसके जवाब में पाकिस्तान को मिली कूटनीतिक और सैन्य विफलता के बाद अब इस्लामाबाद की सरकार बौखलाहट में प्रतिक्रियात्मक कदम उठा रही है। ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को जासूसी के आरोप में “अवांछित व्यक्ति” (persona non grata) घोषित किया है।
पाकिस्तान ने संबंधित भारतीय राजनयिक और उनके परिवार को 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश जारी कर दिया है। यह कार्रवाई ऐसे समय में आई है जब भारत ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और उसका सैन्य व कूटनीतिक जवाब देना अब भारत की नई नीति का हिस्सा है।
अब तक भारत सरकार की ओर से इस निष्कासन आदेश पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि भारत इस कदम को ‘राजनयिक प्रतिशोध’ की श्रेणी में रखेगा। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर पर संघर्षविराम की बातचीत हुई थी, जिसे पाकिस्तान ने खुद पहल कर प्रस्तावित किया था।
ज्ञात हो कि हाल के दिनों में भारत ने जम्मू-कश्मीर और पीओके में सक्रिय आतंकी नेटवर्कों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कार्रवाई की थी। इस सैन्य अभियान में पाकिस्तान समर्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने जवाबी हमले की नाकाम कोशिश की थी। लेकिन भारतीय वायुसेना और सेना ने मुंहतोड़ जवाब देकर पाक की मंशा को ध्वस्त कर दिया।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का यह कदम भीतरूनी और अंतरराष्ट्रीय दबाव से उपजा है। आतंकी गतिविधियों पर घिरते पाकिस्तान की वैश्विक साख लगातार गिर रही है और भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र के मंच पर TRF जैसे संगठनों को बेनकाब करने की कोशिशें पाकिस्तान की चिंता बढ़ा रही हैं।