
वाशिंगटन : भारत-पाकिस्तान के बीच तेजी से बढ़ते सैन्य तनाव के बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका इस संघर्ष में हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन यह जरूर चाहता है कि यह तनाव परमाणु जंग में तब्दील न हो।
फॉक्स न्यूज को दिए गए साक्षात्कार में उपराष्ट्रपति वेंस ने स्पष्ट किया:
“हम भारत या पाकिस्तान से हथियार डालने के लिए नहीं कह सकते। अमेरिका इस युद्ध का हिस्सा नहीं बनने जा रहा। हम केवल कूटनीतिक चैनलों से शांति की कोशिश कर सकते हैं।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका की इस संघर्ष पर सीधी भूमिका नहीं है और इसका नियंत्रण भी अमेरिका के हाथ में नहीं है।
जेडी वेंस ने कहा:
“हमारी उम्मीद और अपेक्षा है कि यह तनाव परमाणु संघर्ष में न बदले। यह भारत और पाकिस्तान के शांतचित्त नेतृत्व पर निर्भर है कि इस स्थिति को कहाँ तक जाने दिया जाए।”
उन्होंने कहा कि यदि यह टकराव परमाणु युद्ध में बदलता है तो उसका परिणाम विनाशकारी होगा, लेकिन अभी अमेरिका को ऐसा होता हुआ नज़र नहीं आ रहा।
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22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर व्यापक कार्रवाई की।
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जवाब में पाकिस्तान ने गुरुवार रात जम्मू, पठानकोट और उधमपुर सहित कई इलाकों में मिसाइल व ड्रोन हमलों की कोशिश की, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया।
इन घटनाओं के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर सैन्य गतिविधियों में तेज़ी आ गई है, जिससे क्षेत्रीय युद्ध की आशंका जताई जा रही है।
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अमेरिका ने साफ किया है कि वह सैनिक रूप से हस्तक्षेप नहीं करेगा।
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यह रुख पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के “America First” सिद्धांत से मिलता-जुलता है, जहां क्षेत्रीय टकरावों से दूरी रखी जाती है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों अहम रणनीतिक सहयोगी हैं, और वह एक पक्ष न लेकर तनाव न बढ़ने देने पर ध्यान देगा।
जैसे-जैसे भारत और पाकिस्तान के बीच हालात और संवेदनशील हो रहे हैं, अमेरिका जैसे वैश्विक शक्ति का तटस्थ रुख एक रणनीतिक सिग्नल है कि अब जिम्मेदारी एशियाई देशों की नेतृत्व क्षमता पर है। जेडी वेंस का बयान स्पष्ट करता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय चिंतित तो है, लेकिन हस्तक्षेप को लेकर सतर्क भी।
On Operation Sindoor, US Vice President JD Vance in an interview to Fox News, says “…What we can do is try to encourage these folks to deescalate a little bit, but we’re not going to get involved in the middle of war that’s fundamentally none of our business and has nothing to… pic.twitter.com/fLFqvh1Lvh
— ANI (@ANI) May 8, 2025