
नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र आज, 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। यह सत्र कई अहम मुद्दों को लेकर खासा गर्म रहने वाला है। विपक्ष पहले ही संकेत दे चुका है कि वह सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है। इस बार मुख्य रूप से ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम आतंकी हमला, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के भारत को लेकर हालिया दावे और बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई है।
सर्वदलीय बैठक में बनी सहमति, लेकिन टकराव तय
सत्र से एक दिन पहले शनिवार को केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संसद की कार्यवाही शांतिपूर्ण ढंग से चलाने की जिम्मेदारी पक्ष और विपक्ष दोनों की है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
हाल ही में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में किए गए हवाई हमले को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया था। यह सत्र इस सैन्य कार्रवाई के बाद का पहला सत्र है, जिस कारण यह विशेष महत्व रखता है।
मानसून सत्र का शेड्यूल:
- शुरुआत: 21 जुलाई, 2025
- अवधि: 21 जुलाई से 21 अगस्त
- कुल बैठकें: 21 दिन
- प्रमुख घटनाक्रम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्र की शुरुआत से पहले संसद को संबोधित करेंगे।
विपक्ष का रुख आक्रामक
कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे केंद्र सरकार से जवाब मांगेंगे—खासकर ऑपरेशन सिंदूर के प्रभाव, सुरक्षा तंत्र की तैयारियों, डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर आधिकारिक प्रतिक्रिया और बिहार में मतदाता सूची अद्यतन (SIR) में हुई कथित अनियमितताओं को लेकर।
संभावित बिल और चर्चाएं
सरकार की ओर से इस सत्र में कुछ प्रमुख विधेयक भी पेश किए जा सकते हैं, जिनमें महिलाओं के आरक्षण से जुड़े कानून, डेटा संरक्षण बिल, और डिजिटल मीडिया विनियमन जैसे विषय शामिल हैं।