उत्तर भारत में मानसून का कहर: उत्तराखंड और यूपी में भारी बारिश, कई जिलों में स्कूल बंद
देहरादून, नैनीताल, लखनऊ सहित कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी; पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और जलभराव से जनजीवन प्रभावित

देहरादून/लखनऊ: उत्तर भारत में मानसून ने एक बार फिर रौद्र रूप अख्तियार कर लिया है। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने दोनों राज्यों के कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसके मद्देनजर प्रशासन ने सतर्कता और बचाव के व्यापक इंतजाम शुरू कर दिए हैं।
उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी, कई जिलों में स्कूल बंद
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में 4 और 5 अगस्त को भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। 4 अगस्त को नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर और देहरादून में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं 5 अगस्त को नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, उधमसिंह नगर, पौड़ी गढ़वाल और देहरादून में तेज बारिश के आसार जताए गए हैं।
एहतियातन प्रशासन ने इन जिलों में सभी सरकारी, अशासकीय, निजी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया है। पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट, धारचूला और मुनस्यारी क्षेत्र में भी 4 अगस्त को स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। भूस्खलन और जलभराव की आशंका को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
उत्तर प्रदेश में भी हालात चिंताजनक, लखनऊ में स्कूल बंद
उत्तर प्रदेश में भी लगातार हो रही बारिश से हालात बिगड़ रहे हैं। राजधानी लखनऊ में जिलाधिकारी के निर्देश पर 4 अगस्त को कक्षा 1 से 12 तक के सभी बोर्डों के विद्यालयों में अवकाश घोषित किया गया है। प्रशासन ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि यदि बच्चे पहले से स्कूल के लिए निकल चुके हों, तो तत्काल उन्हें घर वापस भेजने की व्यवस्था की जाए।
प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट पर
दोनों राज्यों के प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट मोड पर हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार निगरानी की जा रही है। भारी बारिश के चलते कई इलाकों में यातायात बाधित हुआ है और बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।
पहाड़ों में भूस्खलन का खतरा, लोगों की चिंता बढ़ी
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। मुख्य सड़कों और राजमार्गों पर मलबा आने से आवाजाही पर असर पड़ा है। प्रशासन ने संबंधित विभागों को आपातकालीन सफाई कार्य और वैकल्पिक यातायात प्रबंधन के निर्देश दिए हैं।
उत्तर भारत के बड़े हिस्से में मानसून फिलहाल खतरनाक मोड़ पर है। बारिश का यह दौर अभी थमने के आसार नहीं दिखा रहा। ऐसे में प्रशासनिक मुस्तैदी और नागरिकों की सतर्कता ही संभावित आपदाओं से सुरक्षा की कुंजी बन सकती है।