
इंदौर: मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में गुरुवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब नंदलालपुरा क्षेत्र में चल रहे किन्नर समुदाय के आपसी विवाद के बीच करीब 24 किन्नरों ने जहरीला पदार्थ पी लिया। पुलिस के मुताबिक, सभी को तत्काल एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका उपचार चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश की स्थिति स्थिर है, जबकि कुछ की हालत चिंताजनक बताई जा रही है।
फिनायल पीने की आशंका, जांच जारी
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि प्रारंभिक जांच में फिनायल पीने की बात सामने आई है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने वास्तव में कौन-सा जहरीला पदार्थ पिया।
उन्होंने कहा,
“प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह मामला किन्नरों के दो गुटों के बीच विवाद से जुड़ा है। प्रभावित सभी लोगों का अस्पताल में उपचार चल रहा है। फॉरेंसिक जांच के बाद ही पुष्टि हो सकेगी कि उन्होंने क्या पदार्थ सेवन किया था।”
पुलिस का कहना है कि घटना की जानकारी मिलते ही एम्बुलेंस और पुलिस टीम मौके पर पहुंची और तत्काल सभी प्रभावितों को अस्पताल पहुंचाया गया।
अस्पताल में इलाज जारी, जिला प्रशासन सतर्क
एमवाय अस्पताल में फिलहाल सभी 24 किन्नरों का इलाज जारी है। कलेक्टर शिवम वर्मा ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्थिति में इलाज में कोई लापरवाही न हो। सीएमएचओ डॉ. हासानी के अनुसार,
“सभी मरीजों को आवश्यक प्राथमिक उपचार दिया गया है। डॉक्टरों की विशेष टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। अभी तक किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है।”
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, जिन लोगों ने अधिक मात्रा में फिनायल या अन्य केमिकल का सेवन किया था, उन्हें आईसीयू में रखा गया है। पुलिस अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार अस्पताल में मौजूद हैं।
पंढरीनाथ थाना क्षेत्र में मचा हड़कंप
यह घटना पंढरीनाथ थाना क्षेत्र के नंदलालपुरा इलाके की बताई जा रही है। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। डीसीपी आनंद कलादगि ने बताया कि,
“घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुँचे। सभी प्रभावितों को तुरंत एम्बुलेंस के जरिये अस्पताल भेजा गया। स्थिति नियंत्रण में है। सभी किन्नरों का बयान तब लिया जाएगा जब डॉक्टर अनुमति देंगे।”
फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि किन्नरों ने ज़हर क्यों पिया — क्या यह आपसी विवाद का परिणाम था या किसी मानसिक दबाव की वजह से यह कदम उठाया गया।
दो गुटों के बीच पुराना विवाद बताया जा रहा है
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, नंदलालपुरा क्षेत्र में किन्नर समुदाय के दो गुटों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। यह विवाद नेतृत्व और इलाके पर अधिकार को लेकर बताया जा रहा है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को दोनों पक्षों के बीच फिर से तीखी बहस हुई, जिसके बाद एक गुट के सदस्यों ने एक साथ जहरीला पदार्थ पीने का प्रयास किया।
हालांकि पुलिस अभी आधिकारिक रूप से विवाद की वजह पर कुछ कहने से बच रही है। थाना प्रभारी ने बताया कि घटनास्थल से कुछ बोतलें और खाली कंटेनर बरामद किए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा जाएगा।
मौके पर मौजूद रहे प्रशासनिक अधिकारी
घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम प्रदीप सोनी, तहसीलदार, और सीएमएचओ डॉ. हासानी मौके पर पहुंचे। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन दोनों अलर्ट मोड में हैं। कलेक्टर ने कहा कि
“स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी प्रभावितों को आवश्यक चिकित्सा सहायता मिले। घटना के कारणों की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है।”
पुलिस ने शुरू की विस्तृत जांच
पुलिस अब इस बात की तह तक पहुँचने की कोशिश कर रही है कि किन्नरों के बीच झगड़ा किस वजह से हुआ और क्या किसी ने उन्हें उकसाया था।
डीसीपी राजेश दंडोतिया ने कहा,
“जब प्रभावित पूरी तरह होश में आ जाएंगे, तब उनके बयान लिए जाएंगे। फिलहाल प्राथमिकता उनकी जान बचाना है।”
फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि क्या यह सामूहिक आत्महत्या का प्रयास था या किसी अन्य कारण से ऐसा हुआ।
समाज में चर्चा और चिंता
यह घटना न केवल इंदौर बल्कि पूरे राज्य में सामाजिक संवेदना का विषय बन गई है।
किन्नर समुदाय अक्सर सामाजिक उपेक्षा, आर्थिक असुरक्षा और आंतरिक गुटबाजी जैसी समस्याओं से जूझता रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता रीना शाह ने कहा,
“किन्नर समाज आज भी मुख्यधारा से पूरी तरह नहीं जुड़ पाया है। उनके अंदर भी नेतृत्व और पहचान को लेकर संघर्ष रहता है। यह घटना उसी गहरी मनोवैज्ञानिक पीड़ा का संकेत है।”
उन्होंने सरकार से मांग की कि ऐसे मामलों में केवल पुलिस कार्रवाई ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक पुनर्वास की पहल भी की जाए।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
मध्यप्रदेश सरकार ने घटना की जांच के निर्देश दिए हैं।
गृह विभाग के अधिकारियों ने कहा कि घटना की पूरी रिपोर्ट जल्द मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपी जाएगी।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर समुदाय प्रतिनिधियों के साथ विशेष बैठक बुलाई जा सकती है, ताकि विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जा सके।
इंदौर की यह घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि समाज के हाशिए पर खड़े समुदायों के अंदर के संघर्ष अक्सर अनसुने और अदृश्य रह जाते हैं। सिर्फ कानूनी कार्रवाई या प्रशासनिक जांच ही पर्याप्त नहीं होगी — जरूरत है संवेदनशील दृष्टिकोण और संवाद की, ताकि ऐसे चरम कदमों की पुनरावृत्ति न हो।
फिलहाल सभी 24 किन्नर अस्पताल में उपचाराधीन हैं, और प्रशासन की पूरी कोशिश है कि उनकी जान बचाई जाए और सच्चाई सामने लाई जा सके। इंदौर पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच पूरी गंभीरता से की जाएगी और किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।