
नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025 (नेशनल डेस्क): स्वतंत्रता दिवस की खुशियों के बीच राजधानी दिल्ली से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में ऐतिहासिक हुमायूं मकबरे के पीछे स्थित पत्तेशाह दरगाह की छत और दो कमरे ढह गए, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। मृतकों में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, हादसा शुक्रवार दोपहर करीब 3:45 बजे हुआ। दरगाह परिसर में मौजूद लोग छत के अचानक ढहने से मलबे में दब गए। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, फायर ब्रिगेड और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत-बचाव कार्य शुरू किया।
मलबे में दबे लोगों को निकाला गया
फायर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अब तक 5 से 6 लोगों को मलबे से निकालकर एम्स के ट्रॉमा सेंटर भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी मौत की पुष्टि की। कई घायलों का इलाज जारी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दरगाह में हादसे के वक्त 10-12 लोग मौजूद थे, जिनमें से कुछ को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
घटना स्थल से अब तक 12 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। बचाव दल को आशंका है कि मलबे में अभी भी कुछ लोग फंसे हो सकते हैं, जिनकी तलाश के लिए जेसीबी और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
ऐतिहासिक स्थल के पास हादसा
हुमायूं का मकबरा यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है और प्रतिदिन यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। मकबरे के पीछे स्थित पत्तेशाह दरगाह भी स्थानीय लोगों के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है। हादसे के समय दरगाह में श्रद्धालु मौजूद थे, जिनमें से कई स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी के चलते दर्शन के लिए आए थे।
प्रशासन की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है और दरगाह की संरचना की सुरक्षा को लेकर संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि इमारत का पुराना और जर्जर ढांचा बारिश और नमी के कारण कमजोर हो गया था, जिससे छत अचानक गिर गई।
दिल्ली सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने और घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाने की घोषणा की है। उपमुख्यमंत्री ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा की।
स्थानीय लोगों में आक्रोश और चिंता
हादसे के बाद स्थानीय निवासियों में गुस्सा और चिंता दोनों देखी जा रही है। कई लोगों का कहना है कि इस इलाके में कई पुरानी इमारतें और धार्मिक स्थल हैं, जिनकी समय-समय पर मरम्मत और सुरक्षा जांच नहीं होती, जिससे हादसों का खतरा बना रहता है।
बचाव कार्य जारी
शाम तक NDRF और फायर ब्रिगेड की टीमें मलबा हटाने में जुटी थीं। अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक यह सुनिश्चित न हो जाए कि मलबे में कोई भी व्यक्ति फंसा न हो।