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किराना हिल्स: पाकिस्तान का न्यूक्लियर बंकर या सिर्फ अफवाह? ऑपरेशन सिंदूर के बाद खुला बड़ा रहस्य

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नई दिल्ली/इस्लामाबाद: भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान के किराना हिल्स एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं। इस्लामाबाद के करीब सरगोधा एयरबेस से मात्र 8 किलोमीटर दूर स्थित यह इलाका अब ‘न्यूक्लियर अड्डा’ कहे जाने लगा है।

भारतीय सेना प्रमुख ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में साफ किया कि “किराना हिल्स पर भारत ने कोई हमला नहीं किया है।” लेकिन इसके बाद से ही इंटरनेट पर लोग इस रहस्यमयी इलाके की जानकारी तलाशने लगे हैं।

करीब 70 वर्ग किलोमीटर में फैला किराना हिल्स इलाका पाकिस्तान सरकार के नियंत्रण में है। बताया जाता है कि यहां गुप्त अंडरग्राउंड फैसिलिटीज हैं, जिनमें परमाणु हथियारों के भंडारण और मिसाइल सिस्टम की मौजूदगी का शक है।

1990 के दशक में अमेरिकी सैटेलाइट्स ने यहां न्यूक्लियर टेस्ट की तैयारी देखी थी, जिसे अमेरिका के दबाव में रोका गया। लेकिन खुफिया सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान ने अपने वॉरहेड्स यहीं सुरक्षित रखे हैं

कहा जा रहा है कि सरगोधा गैरिसन में TEL (Transporter Erector Launcher) की व्यवस्था है। यही नहीं, गजनवी और शाहीन-1 मिसाइलों को भी यहीं से नियंत्रित किया जाता है।

Federation of American Scientists (FAS) की रिपोर्ट के अनुसार, इस इलाके में सुरंगें, बंकर, मिसाइल कंट्रोल हॉल और ऑब्जरवेशन टावर्स मौजूद हैं। ये सब पाकिस्तान के परमाणु ढांचे का हिस्सा हो सकते हैं।

किराना हिल्स अब सिर्फ एक पहाड़ी इलाका नहीं रहा, यह दक्षिण एशिया की न्यूक्लियर राजनीति में एक संवेदनशील बिंदु बन चुका है। भारत ने इस पर सीधा हमला नहीं किया, लेकिन यह स्पष्ट है कि दोनों देशों की निगाहें अब इस गुप्त ठिकाने पर टिकी हैं।

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