
देहरादून: उत्तराखंड राज्य के उद्यान विभाग में हुए महाघोटाले में हाई कोर्ट कुछ ही देर बाद CBI जाँच के आदेश का फैसला सुना सकती है. अगर कोर्ट ने सीबीआई के जाँच के निर्देश दिए तो समूचे विभाग में खलबली सी मच सकती है. बवेजा के साथ ही साथ कुछ सफेदपोश भी बेनकाब हो सकते है. आपको बताते चले कि- बवेजा के खिलाफ उत्तराखंड में कीवी फल के पौध वितरण के लिए कीमतों में बढ़ोतरी करने, हल्दी-अदरक बीज वितरण में देरी करने, खराब गुणवत्ता के पौध उपलब्ध कराने, अंतरराष्ट्रीय महोत्सवों के लिए स्वीकृति से अधिक धन खर्च करने जैसे कई आरोप लगे हैं। और इसके साथ ही फेस्टिवल के आयोजन के लिए पीएम पर ड्रॉप मोर क्रॉप के फंड को डायवर्ट करने के आरोप हैं।
बवेजा ने फर्जी नर्सरी अनिका ट्रेडर्स को पूरे राज्य में करोड़ों की पौध खरीद का कार्य देकर बड़े घोटाले को अंजाम दिया। उत्तरकाशी में जिले में सैकड़ों किसानों को उक्त फर्जी नर्सरी से पौध दिलाए गए। जिसमें करोड़ों का घोटाला हुआ। बवेजा ने नैनीताल जिले में मुख्य उद्यान अधिकारी राजेंद्र कुमार सिंह के साथ मिलकर कश्मीर की एक और फर्जी नर्सरी बरकत एग्रो फार्म के जरिए गड़बड़ी की। गड़बड़ी का जिक्र याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में किया है, बरकत एग्रो फार्म को इनवॉइस बिल आने से पहले ही भुगतान कर दिया गया,तो कहीं अकाउंटेंट के बिलों पर बिना हस्ताक्षर के ही करोड़ों करोड़ रुपए वारे न्यारे लगा दिए। इन सभी प्रकरणों पर याचिकाकर्ता दीपक करगेती को बीती सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघवी और राकेश थपलियाल ने कहा था कि वह नैनीताल वाले समस्त प्रकरण पर अलग से जनहितयाचिका दाखिल करे।