
देहरादून – उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग (PWD) में आस्था और प्रशासन की अनोखी मिलावट वाला मामला सामने आया है, जहां लोहाघाट में एक अधिशासी अभियंता द्वारा कथित रूप से कर्मचारियों को ‘दो मुट्ठी चावल’ मंदिर में चढ़ाने का आदेश दिया गया। इसका उद्देश्य एक अपर सहायक अभियंता की गुम हुई सर्विस बुक को लेकर ‘दैवीय न्याय’ प्राप्त करना बताया गया।
मामला सामने आने के बाद पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे सरकार सकते में आ गई। मुख्यालय ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार से तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। प्रमुख अभियंता कार्यालय की ओर से चेतावनी दी गई है कि जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि आशुतोष कुमार ने वायरल पत्र से खुद को अलग बताया है, पर यह स्वीकार किया कि सर्विस बुक गायब है और कर्मचारियों ने ही आस्था आधारित समाधान का सुझाव दिया था।
यह मामला सरकारी तंत्र में अंधविश्वास और जवाबदेही के बीच के टकराव को उजागर करता है। अब देखना यह होगा कि अधिकारी का स्पष्टीकरण क्या रूप लेता है और शासन इसे कितनी गंभीरता से लेता है।