
देहरादून, 9 जुलाई 2025: उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) का एक विशेषज्ञ दल शीघ्र ही हिमाचल प्रदेश का दौरा करेगा, जहां हाल में भारी वर्षा के कारण गंभीर आपदा परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं। यह निर्णय मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान लिया।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक और पर्यावरणीय परिस्थितियां काफी हद तक समान हैं। ऐसे में हिमाचल में किए जा रहे आपदा प्रबंधन उपायों का अध्ययन करना, उत्तराखण्ड के लिए पूर्व-तैयारी और रणनीति निर्माण में सहायक होगा।
वर्षा, भूस्खलन और सड़कों की स्थिति की समीक्षा
बैठक में प्रदेश में मानसून के प्रभाव, वर्षा की मात्रा, संभावित भूस्खलन क्षेत्रों और बाधित सड़कों की स्थिति की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि:
- सभी बंद सड़कों को शीघ्र खोलने,
- भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में जेसीबी और आवश्यक उपकरणों की अग्रिम तैनाती,
- और घटनास्थल पर 15 मिनट के भीतर प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में भी सड़कों की बहाली पर विशेष बल दिया।
मौसम अलर्ट और पूर्वानुमान
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर में ऑरेंज अलर्ट, जबकि अन्य जिलों में आगामी दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। अब तक राज्य में 317.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जिसमें बागेश्वर (765.5 मिमी), चमोली, रुद्रप्रयाग और देहरादून सर्वाधिक प्रभावित रहे हैं।
पुनर्वास कार्यों की स्थिति
सचिव सुमन ने बताया कि वर्ष 2012 से अब तक 258 गांवों के 2853 परिवारों का पुनर्वास किया जा चुका है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में 337 परिवारों को पुनर्वास सहायता के लिए 12.16 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की गई है। राज्य आपदा मोचन निधि और राज्य सेक्टर से कुल 175.50 करोड़ रुपये की राशि विभिन्न जिलों को जारी की गई है।
सचेत ऐप और इमरजेंसी नंबरों का प्रचार
मुख्य सचिव ने ‘सचेत’ मोबाइल ऐप को आपदा के समय महत्वपूर्ण बताते हुए आमजन से इसे डाउनलोड करने की अपील की। साथ ही उन्होंने आपदा संबंधी इमरजेंसी नंबर – 112, 1070 और 1077 – का जनजागरूकता के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए।
रियल-टाइम अलर्ट हेतु व्हाट्सएप समूह बनाने के निर्देश
मुख्य सचिव ने तहसील स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश दिए, ताकि मौसम संबंधी चेतावनियां एवं अलर्ट 15 मिनट के भीतर संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं तक पहुंच सकें। उन्होंने एसईओसी के संचार साधनों – वायरलेस सेट, सैटेलाइट फोन – की कार्यशीलता की भी समीक्षा की।
एसओपी और मॉक ड्रिल की तैयारी
मुख्य सचिव ने राज्य व जिला स्तर पर आपात परिचालन केंद्रों के लिए स्वतंत्र मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने और समय-समय पर मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश भी दिए, ताकि आपदा के समय किसी भ्रम या विलंब की स्थिति न बने।
अहेतुक सहायता 72 घंटे में उपलब्ध कराने पर बल
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि आपदा प्रभावित व्यक्तियों को अहेतुक सहायता अधिकतम 72 घंटे के भीतर उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ ही संपत्ति के नुकसान का त्वरित सर्वेक्षण सुनिश्चित कर आवश्यक राहत प्रदान करने को कहा।
इस समीक्षा बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप, डीआईजी राजकुमार नेगी, यूएसडीएमए विशेषज्ञों और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।