उत्तराखंडफीचर्ड

उत्तराखंड में धामी सरकार की सख्त कार्रवाई: बच्चों की सुरक्षा के लिए कफ सिरप पर राज्यव्यापी छापेमारी, 170 नमूने जांच को भेजे

देहरादून में सात मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस निरस्त, कई जिलों में संदिग्ध सिरप जब्त

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए राज्यभर में अवैध, असुरक्षित और निम्न गुणवत्ता वाली कफ सिरप दवाओं के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू किया है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की टीमें प्रदेश के हर जिले में सक्रिय हैं।

सरकार ने इसे “जनस्वास्थ्य और बाल सुरक्षा” के लिए अब तक की सबसे बड़ी राज्यव्यापी कार्रवाई बताया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बच्चों की सेहत से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और जो भी तत्व बच्चों की जान से खिलवाड़ करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


देहरादून में सबसे बड़ी छापेमारी, सात मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस निरस्त

अभियान की शुरुआत राजधानी देहरादून से हुई, जहां एफडीए की टीमों ने मंगलवार को तड़के कई क्षेत्रों में छापेमारी की। आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के निर्देश पर औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में टीमों ने चकराता रोड, किशननगर चौक, बल्लूपुर, कांवली रोड, बल्लीपुर चौक और प्रेमनगर क्षेत्रों में मेडिकल स्टोरों का औचक निरीक्षण किया।

निरीक्षण में बच्चों को दी जाने वाली खांसी और सर्दी-जुकाम की कई दवाओं के क्रय-विक्रय पर तत्काल रोक लगाई गई। जिन दुकानों में ये संदिग्ध सिरप मिले, उन्हें मौके पर ही सील कर दिया गया। सात मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।

टीम ने मौके पर 11 सिरप के नमूने जांच के लिए एकत्र किए। इनमें Coldrif, Respifresh-TR और Relife जैसे सिरप किसी भी मेडिकल स्टोर में उपलब्ध नहीं पाए गए।


उधम सिंह नगर में 40 नमूने जांच हेतु भेजे गए

राज्य सरकार के निर्देशों के बाद उधम सिंह नगर में भी औषधि विभाग की टीमों ने सघन अभियान चलाया। वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार और निरीक्षक निधि शर्मा के नेतृत्व में विभिन्न क्षेत्रों से 10 पेडियाट्रिक कफ सिरप के नमूने लिए गए।

अब तक जिले से कुल 40 नमूने फॉर्म-17 में लेकर विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला भेजे जा चुके हैं। इन सिरपों में Dextromethorphan Hydrobromide, Chlorpheniramine Maleate और Phenylepherine Hydrochloride जैसे तत्व पाए गए हैं, जिन्हें विशेष निगरानी में रखा गया है।


हरिद्वार व रुड़की में भी सख्त कदम

इसी क्रम में हरिद्वार और रुड़की में भी कार्रवाई तेज हुई। औषधि निरीक्षक अनीता भारती के नेतृत्व में टीम ने एयरन हॉस्पिटल, विनय विशाल हॉस्पिटल और मेट्रो हॉस्पिटल से कुल 15 कफ सिरप के नमूने परीक्षण हेतु लिए।

अब तक हरिद्वार जिले से कुल 39 नमूने जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। विभाग ने बताया कि यह कार्रवाई जनता को सुरक्षित औषधि उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


हल्द्वानी में सरकारी अस्पताल से नमूने लिए गए

नैनीताल जिले के हल्द्वानी में एफडीए टीम ने Soban Singh Jeena Base Hospital के ड्रग स्टोर से तीन कफ सिरप के नमूने जांच के लिए एकत्र किए। सभी नमूने औषधि विश्लेषणशाला, देहरादून भेजे गए हैं।


कोटद्वार में Respifresh-TR का स्टॉक सीज

पौड़ी जिले के कोटद्वार में एफडीए टीम ने कल रात से छापेमारी अभियान चलाया। कार्रवाई के दौरान Respifresh TR कफ सिरप का स्टॉक कई मेडिकल स्टोरों से सीज किया गया। यह सिरप पहले ही NSQ (Non-Suitable Quality) घोषित किया जा चुका है। टीम ने आज भी तीन नए नमूने परीक्षण के लिए एकत्र किए हैं।


अल्मोड़ा में Respifresh TR की 12 बोतलें जब्त

अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया और चांदीखेत में एफडीए की टीम ने छह मेडिकल स्टोरों पर औचक छापेमारी की। निरीक्षण के दौरान Respifresh TR (Batch No. R01GL2523) सिरप की 12 बोतलें जब्त की गईं। टीम ने चार सिरप के नमूने जांच हेतु एकत्र किए।


रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में भी एक्शन

रुद्रप्रयाग जिले के तिलवाड़ा क्षेत्र में औषधि निरीक्षकों की टीम ने चार नमूने कफ सिरप के लिए संकलित किए और देहरादून लैब को भेज दिए। वहीं, उत्तरकाशी में औषधि निरीक्षक मोहम्मद ताजिम के नेतृत्व में छापेमारी की गई, जिसमें बच्चों में प्रयुक्त चार प्रकार के कफ सिरपों के नमूने लिए गए।

टीम ने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को चेतावनी दी कि वे Dextromethorphan Hydrobromide Syrup (KL-25/148), Coldrif (SR-13), Respifresh TR (R01GL2523) और Relife (LSL25160) किसी भी हालत में न बेचें। साथ ही 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप देने पर पूर्ण प्रतिबंध की हिदायत दी गई है।


अब तक 170 नमूने जांच के लिए भेजे गए

राज्यभर में जारी छापेमारी के दौरान अब तक 170 से अधिक कफ सिरप नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं। कई प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किए गए हैं, जबकि संदिग्ध स्टॉक जब्त कर सीलिंग की कार्रवाई भी जारी है।


मुख्यमंत्री धामी बोले — बच्चों की जान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,

“बच्चों के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हमारी सरकार हर उस तत्व के खिलाफ सख्त है जो बच्चों की जान से खिलवाड़ करने की कोशिश करेगा। दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा पर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

उन्होंने इसे “सरकार की बच्चों की जीवन सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता” का प्रतीक बताया।


स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अपील

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि एफडीए की कार्रवाई यह संदेश दे रही है कि उत्तराखंड में बच्चों की सेहत सर्वोच्च प्राथमिकता है।

“जनता से अपील है कि बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी सिरप या दवा बच्चों को न दें। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि केवल प्रमाणित और सुरक्षित औषधियां ही जनता तक पहुंचें,” उन्होंने कहा।


राज्य के शीर्ष अधिकारियों ने दी जानकारी

स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

“सभी मेडिकल स्टोरों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि संदिग्ध बैच नंबर की औषधियां तुरंत हटाई जाएं। राज्यभर में एफडीए की टीमें सक्रिय हैं,” उन्होंने कहा।

वहीं, ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि विभाग की टीमें चौबीसों घंटे फील्ड में हैं।

“हमारा लक्ष्य है कि किसी भी असुरक्षित औषधि को बाजार से पूरी तरह समाप्त किया जाए। पिछले चार दिनों में 27 नए नमूने जांच हेतु लिए जा चुके हैं,” उन्होंने बताया।


जनता से अपील

एफडीए ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि यदि किसी मेडिकल स्टोर या वितरक के पास उपरोक्त प्रतिबंधित सिरप पाया जाए, तो तुरंत स्थानीय औषधि निरीक्षक या एफडीए कार्यालय को सूचित करें। दोषी पाए जाने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ लाइसेंस निरस्तीकरण और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

धामी सरकार की इस निर्णायक कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड अब दवाओं की गुणवत्ता को लेकर किसी भी समझौते के मूड में नहीं है। यह न केवल संदिग्ध औषधियों पर सख्त रोक का संदेश है, बल्कि यह भी साबित करता है कि बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button