
कराची के मदरसे से फतवा जारी हुआ है कि फेसबुक पर फोटो डालना और उसे पर माशा अल्लाह लिखना, यह सब इस्लाम धर्म में गुनाह है. कराची के मदरसे की फतवे का देवबंद मदरसे के मुफ्ती अशद कासमी ने समर्थन किया. मुफ्ती अशद कासमी ने बताया कि अगर कोई शख्स किसी मौलाना या मुफ्ती से पूछता है तो उसके जवाब में यह फतवा जारी होता है. कभी भी कोई संस्थान अपनी तरफ से फतवा जारी नहीं करता है. किसी ने उनसे पूछा होगा कि इस्लाम धर्म मे फोटो खींचकर फेसबुक या सोशल मिडिया पर डालना सही है या गलत.
उन्होंने इसका जवाब दिया है कि फेसबुक और सोशल मीडिया पर फोटो डालना और उसका माशा अल्लाह लिखना, यह मुस्लिम धर्म में हदीस के खिलाफ है. हमारी भी राय यही है कि मुस्लिम धर्म में किसी को भी फेसबुक पर फोटो डालना माशाल्लाह लिखना शरीयत के खिलाफ है और गुनाह है. साल 2012 में बरेली जिले में दरगाह आला हजरत के एक मदरसे की ओर से भी इसी तरह का फतवा जारी किया गया था. इस फतवे में फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर फोटो अपलोड को इस्लाम धर्म के खिलाफ करार दिया था.