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Uttarakhand: सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी श्रद्धांजलि, कहा— अखंड भारत के शिल्पकार थे लौहपुरुष

देहरादून: अखंड भारत के शिल्पकार, महान स्वतंत्रता सेनानी और ‘भारत रत्न’ सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री आवास में सरदार पटेल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके योगदान को नमन किया और देश के प्रति उनके अद्वितीय समर्पण को याद किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल का जीवन राष्ट्र निर्माण, एकता और अखंडता के लिए समर्पित रहा। उन्होंने अपने दूरदर्शी नेतृत्व और अदम्य साहस के बल पर देश की सैकड़ों रियासतों का एकीकरण कर भारत को एक मजबूत और संगठित राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।


अखंड भारत की नींव रखने वाले महान नेता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज़ादी के बाद जब देश अनेक रियासतों में बंटा हुआ था, तब सरदार पटेल ने असाधारण राजनीतिक कौशल और दृढ़ इच्छाशक्ति के माध्यम से इन रियासतों का भारत में विलय सुनिश्चित किया। यह कार्य न केवल ऐतिहासिक था, बल्कि देश की एकता और अखंडता के लिए अत्यंत आवश्यक भी।

मुख्यमंत्री ने कहा,

“सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपने दूरदर्शी नेतृत्व, राष्ट्रनिष्ठ सोच और अदम्य साहस के बल पर अखंड एवं सशक्त भारत की नींव रखी। उनका योगदान भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।”


राष्ट्रहित के प्रति अटल संकल्प

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में सरदार पटेल के व्यक्तित्व की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका राष्ट्रहित के प्रति अटल संकल्प, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा आज भी देशवासियों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का जीवन हमें सिखाता है कि राष्ट्र सर्वोपरि है और व्यक्तिगत हितों से ऊपर देश की एकता और अखंडता होनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में, जब देश विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहा है, तब सरदार पटेल के विचार और सिद्धांत पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गए हैं।


देश की एकता और समरसता के प्रतीक

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल केवल एक राजनीतिक नेता नहीं थे, बल्कि वे राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता और मजबूत प्रशासन के प्रतीक थे। स्वतंत्र भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री के रूप में उन्होंने एक सशक्त प्रशासनिक ढांचे की नींव रखी।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा,

“देश की एकता, अखंडता और समरसता के लिए सरदार पटेल का योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा। उनका जीवन हमें यह संदेश देता है कि मजबूत राष्ट्र की पहचान उसकी एकता से होती है।”


‘लौहपुरुष’ नाम के पीछे छिपी दृढ़ इच्छाशक्ति

सरदार वल्लभभाई पटेल को ‘लौहपुरुष’ की उपाधि यूं ही नहीं मिली। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका यह नाम उनकी कठोर लेकिन न्यायपूर्ण नीति, दृढ़ निर्णय क्षमता और संकट के समय निर्भीक नेतृत्व का प्रतीक है। जब देश विभाजन की पीड़ा से गुजर रहा था, तब सरदार पटेल ने बिना किसी भय के राष्ट्रहित में कठिन फैसले लिए।

उन्होंने कहा कि आज का भारत जिस प्रशासनिक मजबूती और राष्ट्रीय एकता पर गर्व करता है, उसकी नींव सरदार पटेल के प्रयासों से ही पड़ी।


नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि सरदार पटेल के जीवन और विचारों से प्रेरणा लेकर देश के विकास में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि युवाओं को सरदार पटेल के—

  • अनुशासन
  • देशभक्ति
  • नेतृत्व क्षमता
  • कर्तव्यनिष्ठा

जैसे गुणों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका सबसे अहम है और सरदार पटेल का जीवन उन्हें सही दिशा दिखाने का कार्य करता है।


सरकार की नीतियों में सरदार पटेल के विचारों की झलक

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वर्तमान सरकार भी सरदार पटेल के विचारों से प्रेरणा लेकर एकता, सुशासन और विकास को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

उन्होंने यह भी कहा कि सरदार पटेल का सपना एक मजबूत, आत्मनिर्भर और संगठित भारत का था, जिसे साकार करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं।


श्रद्धांजलि कार्यक्रम का भावनात्मक माहौल

मुख्यमंत्री आवास में आयोजित इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम का माहौल बेहद भावनात्मक रहा। अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी सरदार पटेल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। पूरे कार्यक्रम के दौरान सरदार पटेल के योगदान और उनके आदर्शों को याद किया गया।


निष्कर्ष

सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दी गई श्रद्धांजलि केवल औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के महानायक को स्मरण करने का अवसर थी। लौहपुरुष सरदार पटेल का जीवन, विचार और योगदान आज भी देशवासियों को एकता, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति का मार्ग दिखाता है।

उनकी विरासत भारतीय लोकतंत्र और प्रशासन की मजबूत नींव है, जिसे आने वाली पीढ़ियां सदैव याद रखेंगी और उससे प्रेरणा लेती रहेंगी।

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