 
						देहरादून: उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश का कहर जारी है। तेज बारिश के कारण राज्य के कई जिलों में तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं, जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है और कई सड़कें मलबे से बाधित हो चुकी हैं। हालात को देखते हुए प्रशासन ने 12, 13 और 14 अगस्त को केदारनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला लिया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, केदारनाथ धाम की ओर जाने वाले सभी यात्रियों को फिलहाल प्रस्थान न करने की सलाह दी गई है। जिन यात्री समूहों ने पहले से बुकिंग कर रखी थी, उनसे कहा गया है कि वे अपनी यात्रा स्थगित करें और मौसम में सुधार होने के बाद ही निकलें।
खतरनाक हालात, दुकानें और मकान तबाह
भारी बारिश से पर्वतीय क्षेत्रों में कई दुकानें, मकान और पशु शेड बह गए हैं। नदियों और नालों का जलस्तर अचानक बढ़ने से निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिलों से बड़े पैमाने पर नुकसान की खबरें हैं।
भूस्खलन और सड़कें बंद
राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कई महत्वपूर्ण सड़कें भूस्खलन के कारण बाधित हैं। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर रुक-रुक कर मलबा आने से सड़क यातायात ठप हो गया है। BRO और प्रशासन की टीमें लगातार मलबा हटाने का काम कर रही हैं, लेकिन बारिश के चलते कार्य में दिक्कत आ रही है।
यात्रियों के लिए एडवाइजरी
जिला प्रशासन ने यात्रियों और स्थानीय लोगों को सचेत रहने की सलाह दी है। एडवाइजरी में कहा गया है कि लोग अनावश्यक यात्रा से बचें, नदियों और जलधाराओं के किनारे न जाएं और पहाड़ी ढलानों से दूर रहें। साथ ही, मौसम विभाग की ताज़ा अपडेट पर नजर रखें।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले तीन दिनों में उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है। इससे नदियों का जलस्तर और बढ़ने, भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति बनने का खतरा है।
सरकार और प्रशासन की तैयारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों को चौबीसों घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। आपदा प्रबंधन टीमों को प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है। राहत और बचाव के लिए SDRF, NDRF और पुलिस की टीमें भी मुस्तैद हैं।
भारी बारिश और यात्रा रुकने के फैसले ने हजारों श्रद्धालुओं की योजना पर असर डाला है, लेकिन प्रशासन का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। जैसे ही मौसम में सुधार होगा और मार्ग सुरक्षित होंगे, यात्रा को पुनः शुरू किया जाएगा।
 
				


