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पूर्वोत्तर भारत में आफत की बारिश: सिक्किम और असम में हालात भयावह, लैंडस्लाइड और बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त

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नई दिल्ली : पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं। सिक्किम, असम और मेघालय सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जहां लैंडस्लाइड, सड़कें टूटने, बाढ़ और मौतों की खबरें सामने आ रही हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इन राज्यों के लिए भारी वर्षा को लेकर रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। हालात अगर ऐसे ही बने रहे, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है।

सिक्किम: बाढ़-भूस्खलन से तबाही, सैलानी फंसे, आठ लोग लापता

सिक्किम में भारी बारिश और भूस्खलन ने लोगों का जनजीवन पूरी तरह पटरी से उतार दिया है। कई स्थानों पर सड़कों के धंसने और लैंडस्लाइड के कारण राज्य के अंदर आवाजाही लगभग ठप हो गई है। सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में मंगन जिला प्रमुख है, जहां तीस्ता नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से कई इलाके डूब गए हैं।

गंभीर स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लाचेन और लाचुंग क्षेत्रों में करीब 1,500 पर्यटक फंसे हुए हैं। इनमें लाचेन में 115 और लाचुंग में 1,350 पर्यटक शामिल हैं। वहीं, मंगन जिले में एक वाहन तीस्ता नदी में गिर गया, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई, दो लोग घायल हैं और आठ पर्यटक लापता हैं।

घटना स्थल मुन्सिथांग के पास है, जहां वाहन लगभग 1,000 फीट गहराई में नदी में गिरा। लगातार हो रही बारिश और नदी के उफान के कारण राहत और बचाव कार्य में भी बाधा आ रही है। जलस्तर के और बढ़ने पर लापता लोगों की तलाश अस्थायी रूप से रोक दी गई है।

बिजली और संचार व्यवस्था भी बाधित हुई है। शुक्रवार को बंद हुई बिजली शनिवार शाम को बहाल हो सकी, जबकि मोबाइल नेटवर्क सेवाएं लगभग 24 घंटे बाद लौटीं। पेयजल आपूर्ति बहाल करने के प्रयास रविवार तक जारी रहने की उम्मीद है।

असम: 17 जिले बाढ़ की चपेट में, 8 मौतें, 78 हजार से अधिक लोग प्रभावित

असम में लगातार हो रही मूसलधार बारिश से बाढ़ और भूस्खलन ने व्यापक तबाही मचाई है। राज्य के 17 जिले इस समय बाढ़ से प्रभावित हैं और 78,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है — जिनमें से 5 मौतें कामरूप महानगर, 2 गोलाघाट और 1 लखीमपुर में हुई हैं।

गुवाहाटी में जलभराव की गंभीर स्थिति बनी हुई है। कई इलाके लगातार दूसरे दिन भी पानी में डूबे रहे। बचावकर्मी नावों और अन्य संसाधनों की मदद से फंसे हुए लोगों को निकालने में लगे हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए राज्य के शहरी कार्य मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने विभिन्न प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और आपातकालीन प्रतिक्रिया उपायों की समीक्षा की।

58 हजार से अधिक लोग बाढ़ से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं, जबकि 1,224 लोगों ने 5 राहत शिविरों में शरण ली है। राज्य सरकार ने 11 अतिरिक्त राहत वितरण केंद्र भी खोले हैं।

मेघालय: हाईवे ढहा, यातायात ठप, संवेदनशील क्षेत्रों में खतरा

मेघालय में भी भारी बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। तुरा और गुवाहाटी को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग NH-17 भारी बारिश के दबाव में टूट गया है। सबसे ज्यादा नुकसान शिंगरा रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में हुआ है, जो गुवाहाटी से लगभग 70 किलोमीटर दूर है। इस क्षेत्र में NH-17 का एक नया हिस्सा बाढ़ के पानी के कारण बह गया, जिससे भारी ट्रक और वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रुक गई है। छोटे वाहन बोंगाईगांव के रास्ते से होकर आ-जा रहे हैं।

IMD का अलर्ट और सरकार की तैयारियां

भारतीय मौसम विभाग ने पूर्वोत्तर के अधिकांश हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। सिक्किम, असम और मेघालय के कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किए गए हैं। जलभराव, लैंडस्लाइड और नदियों के जलस्तर में वृद्धि से स्थिति और खराब हो सकती है।

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों के किनारे न जाएं, अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें।


पूर्वोत्तर भारत इन दिनों प्राकृतिक आपदा की चपेट में है। भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। हालात पर काबू पाने के लिए जहां एक ओर प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है, वहीं दूसरी ओर मौसम विभाग के अलर्ट ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। जरूरत है संयम, सतर्कता और त्वरित राहत उपायों की।

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