सिक्किम में बादल फटने और बाढ़ के बाद मलबे में दबे बारूदों में हो रहे विस्फोट ने रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीम के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है. बारूदों की वजह से सर्च टीम को फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ाना पड़ रहा है. दूसरी और खराब मौसम ने भी सर्च ऑपरेशन में अड़ंगा लगा दिया है. रह-रह कर हो रही बारिश की वजह से भी रेस्क्यू में देरी हो रही है. घटना में अब तक सात सैनिकों समेत 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 142 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं.
आपको बताते चलें कि सिक्किम में आए फ्लैश फ्लड में हताहत होनेवालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। अब तक 26 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता हैं। तीन दिन पहले ल्होनक झील के पास बादल फटने से तीस्ता नदी के सैलाब ने भारी तबाही मचाई। इस सैलाब में सेना के 22 जवान भी बह गए थे। अभी तक सात जवानों का शव बरामद किया जा चुका है। वहीं अधिकारियों के मुताबिक करीब 142 लोग अभी भी लापता हैं जिनकी तलाश की जा रही है। वहीं करीब 2,413 लोगों को बचा लिया गया है और वे राहत शिविरों में शरण लिये हुए हैं।