उत्तराखंडफीचर्ड

नैनीताल में सरकारी धन गबन का मामला: गरमपानी सहकारी समिति में वित्तीय अनियमितताओं पर तीन के खिलाफ FIR, डीएम के सख्त निर्देश

नैनीताल: उत्तराखंड में भ्रष्टाचार और सरकारी धन के दुरुपयोग के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हाल ही में हरिद्वार में एक खंड शिक्षा अधिकारी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किए जाने के बाद अब नैनीताल जिले से सरकारी और ग्रामीण धन के गबन का गंभीर मामला उजागर हुआ है। गरमपानी क्षेत्र में स्थित बहुउद्देशीय प्रारम्भिक कृषि ऋण सहकारी समिति लिमिटेड में वित्तीय अनियमितताओं और ग्रामीणों की जमा धनराशि वापस न किए जाने के आरोपों पर तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

इस पूरे मामले में जिलाधिकारी नैनीताल ललित मोहन रयाल ने त्वरित संज्ञान लेते हुए संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। प्रशासन की इस कार्रवाई को आमजन के विश्वास की रक्षा और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के तौर पर देखा जा रहा है।

ग्रामीणों की जमा पूंजी में गड़बड़ी का आरोप

प्रकरण गरमपानी क्षेत्र के ग्रामीण बचत केंद्र से जुड़ा है, जहां ग्रामीणों ने अपनी मेहनत की कमाई जमा की थी। आरोप है कि समिति कर्मचारी एवं मिनी बैंक प्रभारी पटल आनंद सिंह पनौरा पुत्र गंगा सिंह पनौरा, निवासी ग्राम धनियाकोट मल्ला कोट, ने बचत केंद्र में कार्यरत रहते हुए सदस्यों की जमा धनराशि में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं कीं।

ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से जमा धनराशि वापस नहीं की जा रही थी और बार-बार मांग करने के बावजूद उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जब मामला गंभीर हुआ तो ग्रामीणों ने जिला प्रशासन का दरवाजा खटखटाया।

‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ अभियान में सामने आया मामला

इस वित्तीय गड़बड़ी का खुलासा 17 दिसंबर को उस समय हुआ, जब ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ कार्यक्रम के अंतर्गत महिला सभागार, छड़ा खैरना में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने जिलाधिकारी नैनीताल को लिखित शिकायत सौंपी।

शिकायत में स्पष्ट रूप से आरोप लगाया गया कि बचत केंद्र में जमा धन का दुरुपयोग किया गया है और कई सदस्यों को उनकी जमा राशि नहीं लौटाई जा रही है। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने बिना देरी किए मामले में तत्काल जांच और कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए।

कोतवाली भवाली में दर्ज हुई FIR

जिलाधिकारी के आदेश के बाद कोतवाली भवाली में संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपितों की भूमिका की गहनता से पड़ताल की जा रही है।

इस मामले में शिकायतकर्ता गोपाल सिंह रौतेला, सचिव, बहुउद्देशीय प्रारम्भिक कृषि ऋण सहकारी समिति लिमिटेड गरमपानी, विकासखंड बेतालघाट, जनपद नैनीताल हैं। उनके अलावा कई अन्य ग्रामीणों ने भी अलग-अलग प्रार्थना पत्र देकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है।

इन ग्रामीणों ने दर्ज कराई शिकायत

मामले में जिन अन्य ग्रामीणों ने शिकायतें दर्ज कराई हैं, उनमें—

  • हीरा सिंह पुत्र फकीर सिंह,
  • देवेन्द्र सिंह पुत्र फकीर सिंह,
  • पूरन सिंह पुत्र फकीर सिंह,
  • हरदयाल सिंह पुत्र उमेद सिंह
    शामिल हैं।

इन सभी ने अपनी जमा धनराशि से संबंधित अलग-अलग प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर वित्तीय अनियमितताओं की ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया।

डीएम का सख्त संदेश: बर्दाश्त नहीं होगा गबन

नैनीताल के जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि आम जनता की मेहनत की कमाई के साथ किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी

उन्होंने कहा कि सहकारी संस्थाओं में आम नागरिकों का विश्वास जुड़ा होता है और यदि उस विश्वास के साथ खिलवाड़ किया जाता है तो दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने यह भी संकेत दिए कि अगर जांच में और लोग दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

एसएसपी का बयान: जांच शुरू

नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ने बताया कि प्राप्त शिकायतों और प्रार्थना पत्रों के आधार पर तीन आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब वित्तीय लेन-देन, खातों और रिकॉर्ड की जांच कर रही है।

एसएसपी के अनुसार, यह भी देखा जा रहा है कि कहीं यह मामला केवल एक कर्मचारी तक सीमित है या इसके पीछे कोई संगठित गबन की साजिश है। जरूरत पड़ने पर ऑडिट और बैंकिंग रिकॉर्ड की तकनीकी जांच भी कराई जाएगी।

सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

इस घटना के बाद एक बार फिर सहकारी समितियों और ग्रामीण बचत केंद्रों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में लोग भरोसे के आधार पर अपनी जमा पूंजी सहकारी समितियों में रखते हैं, लेकिन निगरानी की कमी के कारण ऐसे मामले सामने आते हैं।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इस प्रकरण के बाद जिले की अन्य सहकारी समितियों के रिकॉर्ड और वित्तीय लेन-देन की भी समीक्षा की जा सकती है।

ग्रामीणों में रोष, लेकिन कार्रवाई से संतोष

मामले के सामने आने के बाद गरमपानी और आसपास के गांवों में ग्रामीणों में रोष देखा गया, लेकिन जिलाधिकारी द्वारा त्वरित कार्रवाई किए जाने से लोगों ने संतोष भी जताया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते शिकायत पर कार्रवाई नहीं होती तो उनकी मेहनत की कमाई हमेशा के लिए डूब सकती थी।

निष्कर्ष

नैनीताल के गरमपानी क्षेत्र में सामने आया यह मामला न केवल एक वित्तीय गबन का प्रकरण है, बल्कि यह प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही की भी परीक्षा है। जिलाधिकारी और पुलिस की त्वरित कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश गया है कि भ्रष्टाचार और सरकारी या सार्वजनिक धन के दुरुपयोग पर अब सख्त रुख अपनाया जाएगा

आने वाले दिनों में जांच के नतीजे तय करेंगे कि इस मामले में दोषियों पर कितनी बड़ी कार्रवाई होती है, लेकिन फिलहाल यह साफ है कि प्रशासन आम जनता के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह सक्रिय है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button