देशफीचर्ड

अहमदाबाद : प्रधानमंत्री ने बोपल में इन-स्पेस के मुख्यालय का उद्घाटन किया

खबर को सुने

इन– स्पेस का लॉन्च भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के लिए ‘इस अंतरिक्ष को देखें’ वाला एक क्षण है

“इन– स्पेस अंतरिक्ष के लिए, इन– स्पेस गति के लिए, इन-स्पेस सर्वोच्चता के लिए है”

“निजी क्षेत्र मात्र एक विक्रेता नहीं रहेगा बल्कि वह अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़े विजेता की भूमिका निभाएगा”

“आज हम अपने युवाओं के सामने उनकी योजनाओं को पूरा करने के लिए केवल सरकारी मार्ग की शर्त नहीं रख सकते”

“हमारा अंतरिक्ष मिशन सभी मतभेदों को पार कर देश के सभी लोगों का मिशन बन जाता है”

“इसरो महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए बधाई का पात्र है”

“भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत अभियान की सबसे बड़ी पहचान रहा है”

“भारत को वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की जरूरत है और निजी क्षेत्र इसमें बड़ी भूमिका निभाएगा”

“भारत एक नई भारतीय अंतरिक्ष नीति और अंतरिक्ष क्षेत्र में व्यापार करने में आसानी के लिए नीति पर काम कर रहा है”

“गुजरात तेजी से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के बड़े संस्थानों का केंद्र बनता जा रहा है”

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने आज अहमदाबाद के बोपल में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन– स्पेस) के मुख्यालय का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में इन–स्पेस और अंतरिक्ष-आधारित अनुप्रयोगों और सेवाओं के क्षेत्र में काम करने वाली निजी क्षेत्र की कंपनियों के बीच समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान भी हुआ। अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी संस्थाओं को बढ़ावा देने उन्हें सक्षम बनाने से अंतरिक्ष क्षेत्र को एक बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा और भारत के प्रतिभाशाली युवाओं के लिए अवसर के नए रास्ते खुलेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल और अंतरिक्ष उद्योग के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के आधुनिक भारत की विकास यात्रा में एक शानदार अध्याय जुड़ा है और उन्होंने सभी देशवासियों और वैज्ञानिक समुदाय को भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र यानी इन– स्पेस के मुख्यालय के लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने इन– स्पेस के शुभारंभ को भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के लिए ‘ इस अंतरिक्ष को देखें’ वाला  क्षण करार दिया क्योंकि यह कई विकास कार्यों और अवसरों का अग्रदूत है। उन्होंने कहा, “इन-स्पेस भारत के युवाओं को भारत के सर्वश्रेष्ठ विद्वानों के सामने अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर देगा। चाहे वे सरकारी या निजी क्षेत्र में काम कर रहे हों, इन– स्पेस सभी के लिए बेहतरीन अवसर पैदा करेगा।” प्रधान मंत्री ने आगे विस्तार से बताया कि इन– स्पेस में भारत के अंतरिक्ष उद्योग में क्रांति लाने की क्षमता है। इसलिए मैं यही कहूंगा – ‘इस अंतरिक्ष को देखें’। इन– स्पेस अंतरिक्ष के लिए, इन– स्पेस गति के लिए और इन-स्पेस सर्वोच्चता के लिए है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत लंबे समय से अंतरिक्ष उद्योग में निजी क्षेत्र को केवल एक विक्रेता के रूप में देखा गया है और यह एक ऐसी व्यवस्था थी जिसने उद्योग में निजी क्षेत्र के लिए प्रगति के रास्ते हमेशा अवरुद्ध किए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़े विचार ही विजेता बनाते हैं। अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार कर, इसे सभी प्रतिबंधों से मुक्त कर, निजी उद्योग को इन– स्पेस के माध्यम से समर्थन देकर, देश आज विजेता बनाने का अभियान शुरू कर रहा है। निजी क्षेत्र सिर्फ एक विक्रेता नहीं रहेगा बल्कि अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़े विजेता की भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सरकारी अंतरिक्ष संस्थानों की ताकत और भारत के निजी क्षेत्र का जुनून मिल जाएगा,  तो विकास की सीमाएं अनंत हो जाएंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की व्यवस्था में भारत के युवाओं को अपनी क्षमता को पूरी तरह से साकार करने का अवसर नहीं मिल रहा था। भारतीय युवा नवीनता, ऊर्जा और अन्वेषण की भावना के साथ काम करते हैं। यह देश का दुर्भाग्य रहा है कि वह समय के साथ नियमन और प्रतिबंध के बीच का अंतर भूल गया। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आज हम अपनी योजनाओं को पूरा करने के लिए केवल सरकारी मार्ग की शर्त अपने युवाओं के सामने नहीं रख सकते। उन्होंने विस्तार से बताया कि इस तरह के प्रतिबंधों का युग समाप्त हो गया है और सरकार ऐसे सभी प्रतिबंधों को हमारे युवाओं के रास्ते से हटा रही है। उन्होंने सरकार की मंशा के उदाहरण के रूप में रक्षा उत्पादन, आधुनिक ड्रोन नीति, भू-स्थानिक डेटा दिशानिर्देश, और दूरसंचार/आईटी क्षेत्र में कहीं से भी काम करने की सुविधा के उद्घाटन को सूचीबद्ध किया। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि हमारा प्रयास है कि भारत के निजी क्षेत्र के लिए अधिक से अधिक कारोबार में आसानी (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) का माहौल तैयार किया जाए ताकि देश का निजी क्षेत्र ईज ऑफ लिविंग में देशवासियों की समान रूप से मदद कर सके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि, “कोई वैज्ञानिक है या किसान-मजदूर, विज्ञान की तकनीकियों को समझता है या नहीं समझता है, इन सब से परे, हमारा अंतरिक्ष मिशन देश के सभी लोगों का मिशन बन जाता है। हमने मिशन चंद्रयान के दौरान भारत की यह भावनात्मक एकजुटता देखी।” उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि 60 से अधिक निजी कंपनियां उन्नत तैयारी के साथ देश के अंतरिक्ष क्षेत्रों में अग्रणी हैं। उन्होंने देश के अंतरिक्ष क्षेत्र में इस महत्वपूर्ण बदलाव को सामने लाने के लिए इसरो की सराहना की। उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के कदम के महत्व को दोहराया और इस पहल के लिए इसरो की विशेषज्ञता और दृढ़ संकल्प को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत अभियान की सबसे बड़ी पहचान रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि “अंतरिक्ष-तकनीक 21वीं सदी में एक बड़ी क्रांति का आधार बनने जा रही है और स्पेस-टेक अब केवल दूर स्पेस की नहीं, बल्कि हमारे पर्सनल स्पेस की तकनीक बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लाभ को देश के लोगों तक पहुंचाने के लिए इन– स्पेस को लगातार काम करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि निजी अंतरिक्ष कंपनियों द्वारा एकत्र किया गया डेटा उन्हें भविष्य में बहुत बड़ी शक्ति देने वाला है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग का मूल्य 400 अरब अमेरिकी डॉलर है और इसमें 2040 तक 1 ख़रब डॉलर का उद्योग बनने की क्षमता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की जरूरत है और निजी क्षेत्र एक इसमें बड़ी भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष पर्यटन और अंतरिक्ष कूटनीति के क्षेत्र में भी भारत के लिए एक मजबूत भूमिका देखी। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारे देश में अनंत संभावनाएं हैं लेकिन सीमित प्रयासों से अनंत संभावनाओं को कभी भी साकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा- मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों की यह प्रक्रिया निर्बाध रूप से जारी रहेगी। निजी क्षेत्र को सुना व समझा जाना चाहिए और व्यावसायिक संभावनाओं का ठीक से विश्लेषण किया जाना चाहिए I  प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित किया गया है। इन– स्पेस निजी क्षेत्र की सभी जरूरतों का ध्यान रखने के लिए एकल खिड़की, स्वतंत्र नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।

भारत सरकारी कंपनियों, अंतरिक्ष उद्योगों, स्टार्टअप्स और संस्थानों के बीच समन्वय के लिए एक नई भारतीय अंतरिक्ष नीति पर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि अंतरिक्ष क्षेत्र में कारोबार सुगमता में सुधार के लिए हम जल्द ही एक नीति लाने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मानवता का भविष्य और उसके विकास के लिए आने वाले दिनों में दो क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावशाली होने वाले हैं, वे – अंतरिक्ष और समुद्र हैं। उन्होंने कहा कि भारत को इन क्षेत्रों में बिना देर किए आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भारत द्वारा की गई प्रगति और सुधारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब्स इसमें भूमिका निभा रही हैं और उन्होंने श्रीहरिकोटा में उपग्रहों के प्रक्षेपण को देखने के लिए 10 हजार लोगों के लिए एक व्यूइंग गैलरी बनाने की पहल की।

प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि गुजरात तेजी से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के बड़े संस्थानों का केंद्र बनता जा रहा है। उन्होंने जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसिन, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, पंडित दीनदयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी, नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन, चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी, भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लिकेशन एंड जियोइनफॉरमैटिक्स-बीआईएसएजी और अब, इन-स्पेस को सूचीबद्ध किया। उन्होंने इन संस्थानों का पूरा लाभ उठाने के लिए पूरे भारत के युवाओं, खासकर गुजरात के युवाओं को आमंत्रित किया।

इन– स्पेस की स्थापना की घोषणा जून 2020 में की गई थी। यह अंतरिक्ष विभाग में सरकारी और निजी दोनों संस्थाओं की अंतरिक्ष गतिविधियों के प्रचार, प्रोत्साहन और विनियमन के लिए एक स्वायत्त एवं एकल खिड़की नोडल एजेंसी है। यह निजी संस्थाओं द्वारा इसरो सुविधाओं के उपयोग की सुविधा भी प्रदान करता है।

PM at the inauguration of the headquarters of Indian National Space Promotion and Authorisation Centre (IN-SPACe) at Bopal, Ahmedabad on June 10, 2022.
PM at the inauguration of the headquarters of Indian National Space Promotion and Authorisation Centre (IN-SPACe) at Bopal, Ahmedabad on June 10, 2022.
PM at the inauguration of the headquarters of Indian National Space Promotion and Authorisation Centre (IN-SPACe) at Bopal, Ahmedabad on June 10, 2022.
PM at the inauguration of the headquarters of Indian National Space Promotion and Authorisation Centre (IN-SPACe) at Bopal, Ahmedabad on June 10, 2022.
PM at the inauguration of the headquarters of Indian National Space Promotion and Authorisation Centre (IN-SPACe) at Bopal, Ahmedabad on June 10, 2022.
PM at the inauguration of the headquarters of Indian National Space Promotion and Authorisation Centre (IN-SPACe) at Bopal, Ahmedabad on June 10, 2022.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button