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Uttarakhand: मर्चेंट नेवी में कार्यरत करनदीप सिंह राणा के लापता होने पर CM धामी ने जताई गहरी चिंता, कहा — केंद्र सरकार से निरंतर संपर्क में राज्य

देहरादून/नई दिल्ली: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मर्चेंट नेवी में कार्यरत राज्य निवासी करनदीप सिंह राणा के लापता होने की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को राणा के पिताजी से दूरभाष पर बातचीत कर परिवार को हरसंभव सहायता और सहयोग का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में राज्य सरकार पूरी तरह से परिवार के साथ खड़ी है और करनदीप की सुरक्षित वापसी को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।


विदेश मंत्रालय और केंद्र सरकार से निरंतर संपर्क

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि उन्होंने इस मामले में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से स्वयं संपर्क स्थापित किया है और शीघ्र कार्रवाई के लिए अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस विषय पर केंद्र सरकार और संबंधित एजेंसियों के साथ निरंतर समन्वय में है।
मुख्यमंत्री के अनुसार, “करनदीप जी की सुरक्षा और शीघ्र स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर प्रयास जारी हैं। राज्य सरकार केंद्र सरकार के संपर्क में है और किसी भी जानकारी को गंभीरता से ट्रैक कर रही है।”


करनदीप सिंह राणा: उत्तराखंड का युवा, जिसने समंदर में सपनों का सफर चुना

करनदीप सिंह राणा, जो पेशे से मर्चेंट नेवी अधिकारी हैं, उत्तराखंड के निवासी हैं और विदेश में एक वाणिज्यिक जहाज पर कार्यरत थे। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, कुछ दिनों पूर्व से उनका जहाज से संपर्क टूट गया था। जहाँ मर्चेंट नेवी का जीवन समुद्र के रोमांच और अंतरराष्ट्रीय अवसरों से भरा होता है, वहीं इसमें कई जोखिम भी जुड़े होते हैं — जैसे तकनीकी खराबी, समुद्री तूफान, या कुछ मामलों में समुद्री डकैती जैसी घटनाएँ।

सरकारी सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि विदेश मंत्रालय इस पूरे प्रकरण की राजनयिक स्तर पर जांच कर रहा है।
संबंधित देश की स्थानीय समुद्री सुरक्षा एजेंसी को इस मामले में सतर्क कर दिया गया है, और जहाज से जुड़े लॉजिस्टिक चैनल्स और कंपनी प्रबंधन से भी लगातार संपर्क बनाए रखा जा रहा है।


 “राज्य सरकार हर कदम पर साथ है”: मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री धामी ने कहा,

“मैंने करनदीप सिंह राणा के पिताजी से बातचीत की है और उन्हें भरोसा दिलाया है कि राज्य सरकार उनके साथ है। इस दिशा में हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। हमारी टीम विदेश मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में है। करनदीप जी की सुरक्षा और उनकी शीघ्र वापसी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस मामले को केवल प्रशासनिक औपचारिकता के रूप में नहीं, बल्कि एक संवेदनशील मानवीय मुद्दे के रूप में देख रही है।


परिवार की चिंता और उम्मीद

राणा के परिवार ने मुख्यमंत्री के इस आश्वासन को राहत की तरह माना है। परिजनों ने बताया कि उन्हें विदेश मंत्रालय और राज्य सरकार के अधिकारियों से संपर्क प्राप्त हुआ है और लगातार संवाद बनाए रखने का भरोसा दिया गया है।
परिवार ने कहा कि “हम मुख्यमंत्री जी के आभारी हैं कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से हमारी चिंता समझी। हमें उम्मीद है कि जल्द कोई अच्छी खबर मिलेगी।”

परिजनों के अनुसार, करनदीप सिंह राणा कई वर्षों से मर्चेंट नेवी में कार्यरत हैं और अपने अनुभव के लिए जाने जाते हैं। वे नियमित रूप से घर से संपर्क में रहते थे, लेकिन बीते कुछ दिनों से अचानक उनका कोई पता नहीं चल सका।


विशेषज्ञों की राय: “समुद्र में लापता होना अत्यंत जटिल जांच का मामला”

समुद्री सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि मर्चेंट नेवी में लापता होने की घटनाएँ बेहद चुनौतीपूर्ण होती हैं, क्योंकि ये प्रायः अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्रों में घटती हैं जहाँ कई देशों के अधिकार क्षेत्र आते हैं। पूर्व नौसेना अधिकारी कैप्टन (रिटायर्ड) अरविंद ठाकुर के अनुसार,

“ऐसे मामलों में जांच के लिए जहाज की रूट डिटेल, पोर्ट ऑफ कॉल, और रेडियो लॉग्स को खंगालना पड़ता है। यह काम विदेश मंत्रालय, शिपिंग कंपनी और संबंधित देश की एजेंसियों के बीच समन्वय से ही संभव होता है।”

उन्होंने कहा कि करनदीप राणा जैसे प्रशिक्षित अधिकारी की सुरक्षित वापसी के लिए भारतीय सरकार को “राजनयिक दबाव और तकनीकी खोज, दोनों मोर्चों पर काम करना होगा।”


उत्तराखंड सरकार की तत्परता और मानवीय दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में विदेशों में संकट में फँसे राज्य के नागरिकों की सहायता के कई उदाहरण पेश किए हैं।
चाहे यूक्रेन संकट के दौरान छात्रों की वापसी रही हो या खाड़ी देशों में फँसे श्रमिकों की मदद — राज्य सरकार ने केंद्र के सहयोग से लगातार मानवीय रुख दिखाया है।

इसी क्रम में, मुख्यमंत्री का करनदीप सिंह राणा के परिवार से सीधे संवाद करना और स्थिति की निरंतर निगरानी का निर्देश देना, उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है।


जनभावना और राज्य का संकल्प

सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर व्यापक सहानुभूति दिख रही है। लोगों ने #BringBackKarandeepRana हैशटैग के साथ सरकार से त्वरित कार्रवाई की अपील की है।
राज्य के युवाओं में करनदीप की कहानी चर्चा का विषय बन गई है — एक ऐसा युवा जिसने समुद्र के रास्ते देश की सेवा और अपने सपनों का सफर चुना था।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह कदम एक बार फिर यह दर्शाता है कि उत्तराखंड सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर कितनी सजग है — चाहे वे राज्य की सीमाओं के भीतर हों या सात समंदर पार। करनदीप सिंह राणा की सुरक्षित वापसी को लेकर राज्य और केंद्र, दोनों स्तरों पर प्रयास तेज़ी से जारी हैं।

मुख्यमंत्री के शब्दों में,

“सरकार हर संभव प्रयास कर रही है ताकि करनदीप जी जल्द अपने परिवार के पास लौट सकें। हम इस दिशा में पूरी गंभीरता से काम कर रहे हैं।”

राज्य भर के लोग आज एक स्वर में यही प्रार्थना कर रहे हैं —करनदीप सुरक्षित लौटें।

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