
देहरादून: उत्तराखंड में लगातार हो रही अतिवृष्टि (भारी बारिश) से हालात चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। नदियाँ उफान पर हैं, सड़कें टूटी-फूटी और पहाड़ों पर भूस्खलन का खतरा लगातार मंडरा रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने राज्य सरकार को हरसंभव सहयोग का आश्वासन देते हुए साफ कहा कि “आपदा की इस घड़ी में पूरा देश उत्तराखंड के साथ है और केंद्र सरकार कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।”
उत्तराखंड में बारिश का कहर – सड़कों से लेकर घरों तक संकट
उत्तराखंड अपने सुंदर पहाड़ों, नदियों और देवभूमि की छवि के लिए जाना जाता है। लेकिन हर साल बरसात के मौसम में यह इलाका प्राकृतिक आपदाओं से जूझता है। इस बार की बारिश ने कई जिलों में जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।
- कई गाँवों का संपर्क टूटा
- जगह-जगह सड़कें ध्वस्त
- मकानों में दरारें और पानी भरने की घटनाएँ
- किसानों की फसलें बर्बाद
देहरादून, टिहरी, रुद्रप्रयाग और नैनीताल जैसे इलाके सबसे ज़्यादा प्रभावित बताए जा रहे हैं।
पीएम और गृहमंत्री का फोन – “राहत कार्य तेज़ कीजिए”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने दूरभाष पर बातचीत में राज्य की स्थिति की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने केंद्र की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिया।
सीएम धामी ने कहा –
“प्रधानमंत्री जी और गृह मंत्री जी का मार्गदर्शन और सहयोग हमारे लिए बहुत बड़ी ताक़त है। इससे प्रदेश में चल रहे राहत और बचाव कार्यों में और तेजी आएगी।”
युद्धस्तर पर राहत और बचाव अभियान
मुख्यमंत्री धामी ने खुद देहरादून ज़िले के प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उनके साथ स्थानीय विधायक और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। सीएम ने मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि:
- किसी भी प्रभावित परिवार को भोजन, पानी और दवा में दिक़्क़त न हो
- जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं उन्हें सुरक्षित ठहराव मिले
- प्रशासन 24 घंटे अलर्ट मोड पर काम करे
वर्तमान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
जनता को दिया भरोसा – “सरकार आपके साथ खड़ी है”
सीएम धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“प्रदेश सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। प्रशासनिक मशीनरी लगातार लोगों की मदद कर रही है। जहां ज़रूरत होगी, हम तुरंत राहत सामग्री पहुँचाएंगे।”
क्या कहते हैं आंकड़े?
पिछले एक हफ्ते में राज्य में बारिश का स्तर सामान्य से कई गुना ज़्यादा दर्ज किया गया है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका जताई है।
- 1000 से अधिक परिवार प्रभावित
- कई पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त
- हजारों लोग सुरक्षित ठिकानों पर शिफ्ट किए गए
- किसानों की बर्बादी लाखों में आंकी जा रही है
मदद को आगे आए स्थानीय लोग भी
केवल प्रशासन ही नहीं, बल्कि स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन भी मदद के लिए आगे आए हैं। कई जगहों पर युवाओं ने मिलकर बुजुर्गों और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया।
गाँवों में महिलाएँ और स्वयंसेवी संगठन राहत सामग्री इकट्ठा कर प्रभावित परिवारों तक पहुँचा रहे हैं।
उत्तराखंड के लोग भले ही इस समय बारिश और आपदा से जूझ रहे हों, लेकिन राहत की बात यह है कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह का सीधा हस्तक्षेप यह दिखाता है कि संकट की इस घड़ी में राज्य अकेला नहीं है।
मुख्यमंत्री धामी का जमीनी निरीक्षण और प्रशासन का अलर्ट मोड प्रभावित परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है।
उत्तराखंड की यह कहानी हमें फिर याद दिलाती है कि प्रकृति के सामने हम कितने छोटे हैं, लेकिन जब सरकार, प्रशासन और जनता साथ खड़े हों तो हर संकट का सामना किया जा सकता है।



