
पटना: राजद (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और विधायक तेज प्रताप यादव मंगलवार को बिहार के वैशाली जिले के राघोपुर विधानसभा क्षेत्र पहुंचे। यह वही सीट है जहां से उनके छोटे भाई और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव विधायक हैं। इस क्षेत्र में बाढ़ ने कहर मचा रखा है और बड़ी संख्या में गांव जलमग्न हैं।
तेज प्रताप ने नाव के जरिए गांव-गांव जाकर बाढ़ पीड़ितों के बीच गेहूं का आटा, चूड़ा, बिस्कुट, कपड़े और दवाइयां जैसी राहत सामग्री बांटी। उन्होंने डॉक्टरों की एक टीम भी साथ भेजी, जिसने बाढ़ग्रस्त लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। इतना ही नहीं, उन्होंने पांच अतिरिक्त नावें भी तैनात करवाईं ताकि फंसे हुए लोगों तक मदद पहुंचाई जा सके।
सोशल मीडिया पर शेयर की तस्वीरें
तेज प्रताप ने अपने एक्स (Twitter) हैंडल पर कई तस्वीरें साझा कीं। इन तस्वीरों में वह नाव से बाढ़ प्रभावित गांवों तक राहत सामग्री पहुंचाते दिख रहे हैं। उन्होंने लिखा –
“वैशाली जिले के राघोपुर विधानसभा अंतर्गत विदुपुर ब्लॉक के विभिन्न पंचायत पूरे तरीके से बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। यहां के अधिकांश गांव डूब चुके हैं, लेकिन भाजपा-नीतीश सरकार और यहां के सांसद व विधायक किसी तरह की मदद नहीं पहुंचा रहे हैं।”
छोटे भाई तेजस्वी पर अप्रत्यक्ष हमला
राघोपुर सीट से विधायक उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव हैं। सीधे तौर पर नाम लिए बिना तेज प्रताप ने उन पर भी तंज कसा। उन्होंने लिखा –
“राघोपुर विधायक को घर-परिवार से बाहर आना चाहिए और बाढ़ पीड़ितों से मिलकर उनके दुख-दर्द को समझना चाहिए।”
यह बयान राजद परिवार के अंदर छिपे मतभेदों को फिर से उजागर करता है। लंबे समय से दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक और व्यक्तिगत खटास की खबरें आती रही हैं।
नीतीश सरकार पर भी साधा निशाना
तेज प्रताप ने बिहार सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा –
“सरकार और नेता बाढ़ से प्रभावित बिहार के लोगों से मिलने तक नहीं जा पा रहे हैं। राहत सामग्री और मेडिकल सहायता देना तो दूर की बात है। ऐसी निकम्मी और कोमा में जा चुकी सरकार को इस बार उखाड़ फेंकना होगा। तभी बिहार से पलायन और बाढ़ जैसी आपदाओं को रोका जा सकता है।”
लालू परिवार और राघोपुर सीट का इतिहास
राघोपुर विधानसभा सीट लालू परिवार का गढ़ मानी जाती है।
- लालू प्रसाद यादव दो बार यहां से विधायक रहे।
- उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी तीन बार यहां से जीतीं।
- 2015 से अब तक तेजस्वी यादव लगातार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
ऐसे में तेज प्रताप का यहां जाकर सक्रियता दिखाना और छोटे भाई पर अप्रत्यक्ष हमला करना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
तेज प्रताप की छवि और राजनीतिक समीकरण
तेज प्रताप यादव की छवि अक्सर “विद्रोही” नेता की रही है। वह कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान देते रहे हैं।
- हाल के महीनों में उन्होंने राजद संगठनात्मक फैसलों पर नाराज़गी जताई थी।
- कई बार उन्होंने अपने छोटे भाई की नेतृत्व शैली पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी की है।
वैशाली में बाढ़ पीड़ितों की मदद करने का यह कदम जनता के बीच उनकी अलग पहचान बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
बाढ़ से बिहार की स्थिति
इस समय बिहार के कई जिले बाढ़ से जूझ रहे हैं।
- वैशाली, दरभंगा, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
- हजारों लोग विस्थापित हुए हैं और राहत शिविरों में रह रहे हैं।
- कई पंचायत पूरी तरह जलमग्न हो चुकी हैं।
राज्य सरकार ने NDRF और SDRF की टीमें तैनात की हैं, लेकिन विपक्ष लगातार सरकार पर राहत कार्यों में सुस्ती का आरोप लगा रहा है।
विपक्ष की रणनीति और तेज प्रताप की भूमिका
तेज प्रताप का यह कदम विपक्ष की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है जिसमें वे सरकार की नाकामी को जनता के बीच ले जाना चाहते हैं। हालांकि, इसमें उनके भाई और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को भी अप्रत्यक्ष रूप से कटघरे में खड़ा कर दिया गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले चुनावी समीकरणों में तेज प्रताप यादव की ये सक्रियताएं पार्टी के भीतर भी हलचल मचा सकती हैं।
बाढ़ से जूझते वैशाली के लोगों के बीच राहत सामग्री बांटकर तेज प्रताप यादव ने खुद को “जन नेता” की छवि में पेश करने की कोशिश की है। लेकिन इस दौरान उनके छोटे भाई और विधायक तेजस्वी यादव पर अप्रत्यक्ष हमला तथा नीतीश सरकार पर सीधा वार यह दर्शाता है कि बिहार की राजनीति में सियासी तीर कई दिशाओं में चल रहे हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि लालू परिवार के भीतर का यह असंतोष खुले टकराव में बदलता है या राजनीतिक संतुलन साधा जाता है।



