
नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सिर्फ शब्दों में नहीं, ठोस कार्रवाई के ज़रिए जवाब दिया — ये बात मंगलवार को राज्यसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कही। उन्होंने सदन को बताया कि इस बर्बर हमले के बाद भारत ने ऐसे रणनीतिक कदम उठाए, जिन्होंने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अकेला कर दिया और आर्थिक रूप से झकझोर दिया।
सिंधु जल समझौते पर सख्ती, पाकिस्तान पर ‘पानी की चोट’
जयशंकर ने कहा, “पहलगाम में पाकिस्तान ने रेड लाइन पार की थी। इसका परिणाम यह हुआ कि भारत ने सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार करते हुए उसकी शर्तों को सख्ती से लागू किया। पाकिस्तान को अब हर बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई प्रतीकात्मक कार्रवाई नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक भू-राजनीतिक दबाव रणनीति है।
पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा पर रोक
हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के आम नागरिकों के लिए वीज़ा प्रक्रिया पर भी कड़ा रुख अपनाया। विदेश मंत्री ने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के ढांचे को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक सामान्य नागरिक संपर्क की कोई गुंजाइश नहीं है।
“पूरी दुनिया के सामने बेनकाब किया पाकिस्तान को”
जयशंकर ने कहा कि भारत ने सिर्फ घरेलू कदम नहीं उठाए, बल्कि पाकिस्तान को कूटनीतिक मोर्चे पर भी घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। “हमने संयुक्त राष्ट्र, FATF और अन्य बहुपक्षीय मंचों पर पाकिस्तान की भूमिका को तथ्यात्मक साक्ष्यों के साथ उजागर किया है। परिणामस्वरूप, पाकिस्तान की वैश्विक साख को जबरदस्त झटका लगा है।”
ज्ञात हो कि 21 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में तीन आतंकवादी मारे गए थे, जिनके पास से अत्याधुनिक हथियार, अमेरिकी M4 कार्बाइन, डिजिटल डिवाइसेज और नकली आधार कार्ड मिले थे। इस हमले की जांच एनआईए कर रही है, और जांच में TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) की भूमिका सामने आई है, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का फ्रंट संगठन माना जाता है।