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नाबार्ड उत्तराखंड ने मनाया 44वां स्थापना दिवस, ग्रामीण विकास के लिए नव संकल्प

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देहरादून: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने राष्ट्र सेवा के 44वें वर्ष में प्रवेश करते हुए उत्तराखंड क्षेत्रीय कार्यालय में स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर सहकारिता, स्वास्थ्य एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।

कार्यक्रम का आयोजन देहरादून के आईटी पार्क, सहस्त्रधारा रोड स्थित नाबार्ड कार्यालय में हुआ, जहां डॉ. रावत ने स्वयं सहायता समूहों और कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन किया और उनके उत्पादों की सराहना की।

समारोह में “समावेशी विकास हेतु ग्रामीण उद्यम का प्रोत्साहन” विषय पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया।
नाबार्ड के महाप्रबंधक शशि कुमार ने स्वागत भाषण में नाबार्ड की अब तक की उपलब्धियों और उत्तराखंड में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की जानकारी दी। वहीं मुख्य महाप्रबंधक पंकज यादव ने नाबार्ड की ग्रामीण ऋण, पर्यवेक्षण व विकासात्मक कार्यों में भूमिका पर प्रकाश डालते हुए इसे राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक मजबूत आधार बताया।

मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अपने संबोधन में नाबार्ड की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि “नाबार्ड की सहायता से उत्तराखंड तेजी से विकास के मार्ग पर अग्रसर है। सहकारिता क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण के लिए 33% आरक्षण का प्रावधान और बहुउद्देशीय समितियों के सचिवों की नियुक्ति हेतु मॉडल बाइलॉज एक्ट लागू किया गया है।”

उन्होंने कृषकों की घटती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए नाबार्ड व सरकार के साझा प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।

कृषि सचिव डॉ. सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय ने भी नाबार्ड को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं और जलवायु अनुकूल कृषि एवं एफपीओ को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई।

इस अवसर पर चार उत्कृष्ट कार्य करने वाली बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों —

  • मोटाहल्दू एम-पैक्स, नैनीताल
  • सेमंडीधार एम-पैक्स, टिहरी
  • सहसपुर एम-पैक्स, देहरादून
  • नाई एम-पैक्स, नैनीताल

तथा तीन जिला सहकारी बैंकों —

  • जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक, यूएस नगर
  • चमोली
  • कोटद्वार

को सम्मानित किया गया।

डॉ. सुमन कुमार, महाप्रबंधक, नाबार्ड ने समारोह के समापन पर सभी विचारों को अमल में लाने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में भारतीय स्टेट बैंक, उत्तराखंड ग्रामीण बैंक, उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक, वाणिज्यिक बैंक, एनजीओ प्रतिनिधि, SLBC संयोजक, और नाबार्ड अधिकारीगण मौजूद रहे।

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