अवैध धर्मांतरण मामले में यूपी एटीएस ने ‘छांगुर बाबा’ को किया गिरफ्तार, विदेश फंडिंग और ब्रेनवाशिंग का खुलासा

लखनऊ | 5 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक बड़े अवैध धर्मांतरण नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। यूपी एटीएस (ATS) ने जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को गिरफ्तार किया है, जो कथित रूप से हिंदू युवतियों को इस्लाम धर्म में परिवर्तित कराने के संगठित नेटवर्क का सरगना बताया जा रहा है।
करोड़ों की संपत्ति, विदेशी फंडिंग का शक
बलरामपुर जिले के उतरौला थाना क्षेत्र के मधपुर गांव में निवास करने वाले छांगुर बाबा और उसके साथियों के खिलाफ विदेशी फंडिंग के जरिए पिछले एक साल में शोरूम, बंगले और लग्जरी गाड़ियां खरीदने की शिकायतें मिली थीं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गैंग के सदस्यों ने 40 से अधिक बार इस्लामिक देशों की यात्रा की, और 100 करोड़ रुपये तक के संदिग्ध बैंक ट्रांजैक्शन सामने आए हैं।
हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर धर्मांतरण
जांच में खुलासा हुआ है कि छांगुर बाबा का नेटवर्क पहले युवतियों को झूठी पहचान और प्रेमजाल में फंसा कर उनका ब्रेनवाश करता था। लखनऊ की एक युवती गुंजा गुप्ता के मामले में यह बताया गया कि अबू अंसारी नामक व्यक्ति ने खुद को “अमित” बताकर दोस्ती की, फिर छांगुर बाबा की दरगाह ले जाकर उसका धर्म परिवर्तन कराया गया।
धर्म बदलवाने के बाद गुंजा का नाम ‘अलीना अंसारी’ रखा गया। इस प्रक्रिया में उसके साथ नीतू रोहरा (अब नसरीन) और नवीन घनश्याम (अब जमालुद्दीन) जैसे धर्मांतरण कर चुके लोग भी सक्रिय थे।
ब्राह्मण-कायस्थ लड़कियों पर विशेष टारगेटिंग, तय थे रेट
सूत्रों के मुताबिक, ब्राह्मण, क्षत्रिय, या सिख समुदाय की युवतियों को इस्लाम में धर्मांतरण कराने के लिए 15-16 लाख रुपये तक दिए जाते थे। पिछड़ी जातियों की लड़कियों के लिए यह राशि 10-12 लाख, जबकि अन्य जातियों के लिए 8-10 लाख रुपये निर्धारित थे।
ब्रेनवॉश और किताबों से प्रचार
छांगुर बाबा ने “शिजर-ए-तैय्यबा” नामक पुस्तक भी प्रकाशित कराई थी, जिसका उपयोग इस्लाम के प्रचार-प्रसार और नए लोगों को प्रभावित करने के लिए किया जाता था। बाबा खुद बलरामपुर के चांद औलिया दरगाह के पास रहकर यह गतिविधियां संचालित कर रहा था।
40 से ज्यादा बैंक खाते, मुकदमे की धमकी से दबाव
एटीएस को मिली जानकारी के अनुसार, इस नेटवर्क ने 40 से अधिक बैंक खाते अपने नाम और विभिन्न संगठनों के नाम से खोल रखे थे, जिनमें करोड़ों का लेन-देन हुआ है। यह गैंग गरीबों और असहायों को मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर भी धर्मांतरण के लिए मजबूर करता था।
कई संदिग्धों पर नजर, जांच जारी
एटीएस की जांच में अब तक जिन प्रमुख नामों की पहचान हुई है, उनमें महबूब, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर, एमेन रिजवी (कथित पत्रकार), सगीर और नीतू रोहरा जैसे नाम शामिल हैं। माना जा रहा है कि यह पूरी एक संगठित लॉबी है, जो भारत में अवैध धर्मांतरण को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय है।
सरकार और एजेंसियां अलर्ट
यूपी एटीएस की यह कार्रवाई एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विषय की ओर संकेत कर रही है। गृह विभाग ने इसे एक हाई-प्रोफाइल केस मानते हुए केंद्रीय एजेंसियों से भी समन्वय स्थापित करने के संकेत दिए हैं। इस मामले की जांच तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है, और जल्द ही अन्य गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।