
चेन्नई : तमिलनाडु के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मदुरै में आयोजित एक भव्य जनसभा में राज्य की राजनीति को झकझोर देने वाला बयान दिया। शाह ने 2026 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनने का दृढ़ विश्वास जताते हुए कहा, “तमिलनाडु में भ्रष्ट डीएमके शासन को उखाड़ फेंकने का समय आ गया है। मेरी आंखें और कान तमिलनाडु पर हैं। आने वाले चुनाव में भाजपा विजयी होगी।”
🔸 कावेरी इंजन और आत्मनिर्भर भारत पर जोर
शाह ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में देश की रक्षा नीति, आत्मनिर्भरता और सैन्य शक्ति को रेखांकित किया। उन्होंने हालिया “ऑपरेशन सिंदूर” का हवाला देते हुए कहा कि भारत की सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया, और इसी भावना ने तमिलनाडु के युवाओं में “कावेरी इंजन” जैसी स्वदेशी परियोजनाओं के प्रति रुचि जगाई।
🔸 भ्रष्टाचार पर प्रहार, 39,000 करोड़ का आरोप
राज्य की सत्तारूढ़ डीएमके सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि डीएमके ने अपने चुनावी वादों का मात्र 10% ही पूरा किया है। उन्होंने दावा किया कि टीएएसएमएसी में 39,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है और अवैध शराब से हुई मौतों की जिम्मेदारी से सरकार भाग नहीं सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा भेजे गए केंद्रीय फंड भी डीएमके द्वारा लोगों तक नहीं पहुंचने दिए जा रहे हैं।
शाह ने राज्य सरकार से पूछा कि वह तमिल में इंजीनियरिंग जैसी उच्च शिक्षा को बढ़ावा क्यों नहीं देना चाहती। साथ ही, उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लागू न करने पर केंद्र द्वारा तमिलनाडु के सरकारी स्कूलों के लिए 2,152 करोड़ रुपये की राशि रोके जाने का भी जिक्र किया।
हालांकि शाह ने अपने भाषण में जनसंख्या आधारित परिसीमन जैसे संवेदनशील विषय से दूरी बनाए रखी, जिस पर मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन पहले ही चेतावनी दे चुके हैं। दक्षिण भारत के कई राज्य यह आशंका जता चुके हैं कि यह प्रक्रिया उनके प्रतिनिधित्व को संसद में कम कर सकती है।
अमित शाह के बयानों का जवाब देते हुए डीएमके प्रवक्ता डॉ. सैयद हफीजुल्लाह ने कहा, “यहां तक कि अमेरिका में भाजपा सरकार बन सकती है, पर तमिलनाडु में नहीं। शाह काल्पनिक दुनिया में जी रहे हैं।”
राज्य इकाई में हालिया बदलाव के बाद यह अमित शाह का तमिलनाडु का दूसरा दौरा है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई की जगह अब नैनार नागेंद्रन को कमान सौंपी गई है। भाजपा ने एआईएडीएमके के साथ गठबंधन फिर से शुरू तो किया है, लेकिन कार्यकर्ताओं के बीच जमीनी स्तर पर तालमेल अभी भी चुनौती बना हुआ है। पीएमके और डीएमडीके जैसे अन्य सहयोगियों में भी असंतोष की झलक मिल रही है।
शाह का यह दौरा भाजपा के लिए तमिलनाडु में जमीन मजबूत करने की कोशिश है, जहां परंपरागत रूप से द्रविड़ दलों का दबदबा रहा है। हालांकि, सत्ता की सीढ़ी तक पहुंचने के लिए पार्टी को केवल भाषणों से नहीं, बल्कि जमीनी गठजोड़, भाषा-संवेदनशीलता और स्थानीय मुद्दों पर ठोस योजना के साथ उतरना होगा।