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पाकिस्तान में असली सत्ता किसके हाथ में? एक ओर सीजफायर का ऐलान, दूसरी ओर ड्रोन हमले जारी

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नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम के बाद भी पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमले जारी रहने पर अब यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि पाकिस्तान में असली सत्ता किसके हाथ में है — प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के या सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के?

7 मई को भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में हलचल मच गई। इसके बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शांति की अपील की और सीजफायर का ऐलान किया। लेकिन उसी दिन शाम होते-होते पाकिस्तानी सेना ने भारत के जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में ड्रोन हमले शुरू कर दिए।

इस विरोधाभास के बाद शहबाज शरीफ को सार्वजनिक रूप से अपनी ही सेना से संयम बरतने की अपील करनी पड़ी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि पाकिस्तान की लोकतांत्रिक सरकार सेना पर नियंत्रण नहीं रख पा रही है। विश्लेषकों के मुताबिक यह टकराव नया नहीं है, बल्कि पाकिस्तान की राजनीति में सेना की भूमिका हमेशा से निर्णायक रही है।

मामले में अमेरिका की भूमिका भी सामने आई है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री या विदेश मंत्री से नहीं, बल्कि सीधे जनरल मुनीर से संपर्क साधा और बाद में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात की। यह दर्शाता है कि दुनिया भी जानती है कि पाकिस्तान में वास्तविक निर्णय सेना ही लेती है।

भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को “राष्ट्रहित में सोच-समझकर उठाया गया कदम” बताया है और ऐलान किया है कि ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक सीमा पार से आतंकवाद की जड़ें पूरी तरह नष्ट नहीं हो जातीं।

सीजफायर के बाद भी पाकिस्तानी सेना के हमले यह स्पष्ट करते हैं कि पाकिस्तान में लोकतंत्र एक दिखावा मात्र है, और असली नियंत्रण सेना के हाथ में है। इससे भारत को भी सतर्क रहने और सैन्य स्तर पर तैयार रहने की आवश्यकता है।

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