
हरिद्वार: मौसम विभाग की चेतावनी शुक्रवार को पूरी तरह सटीक साबित हुई। अनुमान से कहीं अधिक वर्षा ने तीर्थनगरी हरिद्वार को जलमग्न कर दिया। सड़कों से लेकर मोहल्लों तक हर स्थान पानी में डूबा नजर आया, जिससे शहर का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया। चूंकि हरिद्वार चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार है, ऐसे में भारी बारिश ने यात्रियों के सामने अतिरिक्त चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
चारधाम में कड़ाके की ठंड, शून्य से नीचे गिरा तापमान
चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से प्रारंभ हो चुकी है। यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट पहले ही दिन श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे, वहीं 2 मई को केदारनाथ धाम के द्वार भी श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खुल गए हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे। लेकिन इस बार यात्रा के दौरान तीव्र शीतलहर और बर्फबारी ने ठंडक को चरम पर पहुंचा दिया है।
यमुनोत्री
उत्तरकाशी जनपद में स्थित यमुनोत्री धाम में न्यूनतम तापमान -7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है, जबकि अधिकतम तापमान केवल 2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। ग्लेशियर से आ रही बर्फीली यमुना नदी इस ठंड का एक प्रमुख कारण है।
गंगोत्री
गंगोत्री में भी कंपकंपा देने वाली ठंड पड़ रही है। भागीरथी नदी के किनारे बसे इस धाम में अधिकतम तापमान 8 डिग्री और न्यूनतम तापमान -3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यहां लगातार हो रही बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी से ठंड और बढ़ गई है।
केदारनाथ
पवित्र मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित केदारनाथ धाम में अधिकतम तापमान 4 डिग्री और न्यूनतम तापमान -6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। ऊंचाई और बर्फबारी के कारण यहां की ठंड श्रद्धालुओं के लिए परीक्षा बन चुकी है, बावजूद इसके पहले ही दिन 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
बदरीनाथ
बदरीनाथ धाम में भी शीतलहर का प्रकोप जारी है। यहां का अधिकतम तापमान 2 डिग्री और न्यूनतम -7 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है। अलकनंदा नदी की ठंडी हवाएं और ऊंचाई इस ठंड को और तीव्र बना रही हैं।
— Meteorological Centre Dehradun (@mcdehradun) May 1, 2025