
इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर आज का दिन काफी अहम है. कल सुप्रीम कोर्ट ने बॉन्ड की खरीद-बिक्री से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए भारतीय स्टेट बैंक को साढ़े तीन महीने से भी अधिक अतिरिक्त वक्त देने से इनकार कर दिया. सर्वोच्च अदालत ने एसबीआई से 12 मार्च तक इलेक्शन कमीशन को सभी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है. इस तरह एसबीआई के पास अब कुछ ही घंटे रह गए हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मुताबिक मार्च 2018 से लेकर जनवरी 2024 के बीच इलेक्टोरल बॉन्ड से कुल 16 हजार 492 करोड़ का चंदा राजनीतिक दलों को मिला. 12 अप्रैल 2019 के बाद के चंदे की जानकारी स्टेट बैंक को देनी है.
एसबीआई को सुप्रीम कोर्ट ने कल तगड़ी फटकार लगाई थी और कहा कि जब आपके पास जानकारी पहले से उपलब्ध है फिर क्यों आपको 30 जून तक का समय चाहिए. सर्वोच्च अदालत ने एसबीआई से आज मुख्यतः दो चीज जमा करने को कहा है. पहला – किसने, किस तारीख को कितने का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा. दूसरा – किस राशि की बॉन्ड को किस तारीख को किसने भुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने की 15 तारीख को चुनावी पारदर्शिता का हवाला देकर लाई गई मोदी सरकार की इस महत्त्वकांक्षी स्कीम को असंवैधानिक करार दे दिया था. इसके बाद अदालत ने एसबीआई से 12 अप्रैल के बाद खरीदे और भुनाए गए बॉन्ड्स की जानकारी चुनाव आयोग को देने की बात की थी.