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अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए तालिबानी फरमान, बिना बुर्का टैक्सी में बैठने पर रोक

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तालिबान ने जब से सत्ता संभाली है तभी से कट्टरपंथी विचारधारा वाले फरमान जारी होते रहे हैं। सबसे ज्यादा नुकसान अफगानी महिलाओं को उठाना पड़ा है। महिलाओं को ब्यूटी सैलून में जाने पर रोक, बाजार में जाने पर रोक, बुर्का पहनने की अनिवार्यता, शिक्षा से महिलाओं को महरूम रखने जैसे कई फरमान तालिबान जारी कर चुका है। इसी कड़ी में अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने एक और फरमान जारी किया है। यह फरमान भी महिलाओं से जुड़ा है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने महिलाओं के दमन का एक और कदम उठाया है। नए फरमान में अब महिलाओं को बगैर बुर्का पहने टैक्सी तक में बैठने पर रोक लगा दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हेरात के एक टैक्सी ड्राइवर की मानें तो अब वह ऐसी महिलाओं को अपनी गाड़ी में नहीं बैठाता है, जो बुर्के से पूरी तरह न ढंकी हों। अगर बगैर बुर्का पहने किसी महिला को बैठाया तो तालिबान लड़ाके ड्राइवर को ही पीट रहे हैं। यही नहीं वाहन भी जब्त कर लेते हैं।

इससे पहले तालिबानी सरकार ने ब्यूटी सैलून पर बैन लगाया था। महिलाओं ने इस प्रतिबंध का कड़ा विरोध किया। अफगान महिलाएं इस बैन के खिलाफ सड़कों पर उतर आईं। हालात ऐसे हो गए कि प्रदर्शनकारी महिलाओं पर सुरक्षा बलों को हवाई फायर और पानी की बौछार करना पड़ा। तालिबान द्वारा देशभर में ब्यूटी सैलून बंद करने के आदेश के बाद दर्जनों अफगान महिलाओं ने प्रतिबंध का विरोध किया था। दरअसल, ब्यूटी सैलून को भी तालिबान सरकार ने गैर कानूनी घोषित कर दिया था। क्योंकि वे कथित तौर पर इस्लाम द्वारा मना की गई सेवाएं प्रदान करते हैं और शादी के उत्सव के दौरान दूल्हे के परिवारों के लिए आर्थिक कठिनाई पैदा करते हैं। यह आदेश तालिबान नेता हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा की ओर से आया था। यह अफगान महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा, सार्वजनिक स्थानों और अधिकांश प्रकार के रोजगार से प्रतिबंधित करने वाले आदेशों के बाद उनके अधिकारों और स्वतंत्रता पर नवीनतम अंकुश है।

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