
रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा में एक बड़ा बदलाव सामने आया है। यात्रा मार्ग में एक्वाइन इन्फ्लुएंजा वायरस के लक्षण कुछ घोड़े-खच्चरों में पाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से 24 घंटे के लिए इन पशुओं की आवाजाही पर रोक लगा दी है। यह कदम श्रद्धालुओं और पशुओं दोनों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।
क्या है एक्वाइन इन्फ्लुएंजा?
यह एक विषाणुजनित संक्रमण है जो मुख्यतः घोड़ों, खच्चरों और अन्य समतुल्य जानवरों को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में –
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आंखों व नाक से पानी बहना
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खांसी, छींक आना
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बुखार
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थकावट शामिल हैं।
मार्च 2025 में राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान, हिसार द्वारा किए गए परीक्षणों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। यात्रा शुरू होने से पहले सभी पशुओं के सेरोलॉजिकल टेस्ट कराए गए थे, लेकिन हाल ही में कुछ पशुओं की मौत और लक्षणों के दोबारा दिखने के बाद प्रशासन सतर्क हो गया।
प्रशासन की सख्ती:
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24 घंटे तक किसी भी पशु का संचालन पूरी तरह से निषिद्ध है।
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पशुपालकों को चेतावनी दी गई है कि बीमार पशुओं का उपयोग करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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भारत सरकार की वैज्ञानिक टीम 6 मई को रुद्रप्रयाग पहुंचेगी और जांच पूरी होने तक प्रतिबंध जारी रह सकता है।
यात्रियों को क्या करना होगा?
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जिन यात्रियों को चढ़ाई में दिक्कत है, उन्हें डंडी-कंडी और पालकी सेवाओं का उपयोग करना होगा।
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बुजुर्ग और अस्वस्थ यात्रियों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।