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New Delhi: “योग विश्व को भारत की ‘सभ्यतागत’ देन है, ये सिर्फ शारीरिक व्यायाम नहीं बल्कि समग्र जीवन पद्धति है”: RSS

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नई दिल्‍ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ‘आरएसएस’ ने बुधवार को कहा कि योग विश्व को ‘भारत की सभ्यतागत देन’ है. आरएसएस ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर ट्वीट कर कहा कि योग शारीरिक व्यायाम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अनिवार्य रूप से समग्र जीवन पद्धति है. संघ ने कहा कि यह समस्त योग-प्रेमियों का कर्तव्य है कि वे दुनिया के कोने-कोने में योग का संदेश प्रसारित करें.

आरएसएस ने ट्वीट किया, “योग विश्व को भारतीय सभ्यता की देन है. ‘युज’ धातु से बने योग शब्द का अर्थ है जोड़ना. योग केवल शारीरिक व्यायाम तक सीमित नहीं है, महर्षि पतंजलि जैसे ऋषियों के अनुसार, यह शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा को जोड़ने की समग्र जीवन पद्धति है.” संघ ने कहा, “शास्त्रों में ‘योगश्चित्तवृत्तिनिरोध:’, ‘मन: प्रशमनोपाय: योग:’ तथा ‘समत्वं योग उच्यते’ आदि विविध प्रकार से योग की व्याख्या की गई है, जिसे अपनाकर व्यक्ति शांत एवं निरोग जीवन का अनुभव करता है.”

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