
धराली (उत्तरकाशी), 6 अगस्त 2025 | उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में हालिया बादल फटने की घटना ने व्यापक तबाही मचाई है। संकट की इस घड़ी में केंद्र और राज्य सरकार ने संयुक्त रूप से राहत एवं बचाव कार्यों में युद्धस्तर पर ताकत झोंक दी है। सेना, ITBP, NDRF, SDRF, BRO और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार सुबह स्वयं मौसम की कठिन परिस्थितियों के बावजूद ग्राउंड ज़ीरो पर पहुंचे और प्रभावितों से सीधे संवाद किया। उन्होंने राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी पीड़ित मदद से वंचित न रहे।
🇮🇳 प्रधानमंत्री मोदी ने खुद किया फॉलो-अप, दी हर संभव मदद का आश्वासन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह मुख्यमंत्री से फोन पर बातचीत कर स्थिति की संपूर्ण जानकारी ली। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का भरोसा दिया और यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रभावितों को तुरंत राहत मिले।
मुख्यमंत्री धामी ने पीएम को अवगत कराया कि लगातार हो रही बारिश के बावजूद राज्य सरकार और सभी एजेंसियां समन्वय के साथ राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्र में काम करने में दिक्कतें ज़रूर हैं, लेकिन हर चुनौती का सामना किया जा रहा है।
🚁 हेलीकॉप्टरों से राहत सामग्री, सड़क खोलने को चिनूक से भारी मशीनरी
राज्य सरकार की मांग पर केंद्र ने चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से दो चिनूक और दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। ये हेलीकॉप्टर बुधवार तड़के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उतरे। चिनूक से भारी मशीनरी प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाई जा रही है, जिससे बाधित सड़कों को खोलने में मदद मिल सके।
राहत और बचाव अभियान में सेना के 125 जवान और अधिकारी, ITBP के 83 जवान, BRO के 6 अधिकारी और 100 मजदूर सक्रिय हैं। BRO की टीमें बाधित रास्तों को खोलने और पुल निर्माण के कार्य में दिन-रात जुटी हैं।
🏥 घायलों के लिए स्वास्थ्य इंतजाम, एम्स और मेडिकल कॉलेज अलर्ट पर
उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने देहरादून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन अस्पताल और ऋषिकेश स्थित एम्स में आपातकालीन बेड आरक्षित कर दिए हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें और मनोचिकित्सक भी उत्तरकाशी भेजे गए हैं, ताकि न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी पीड़ितों को सहायता मिल सके।
🏕️ झाला और हर्षिल में राहत शिविर, अस्थायी पुल का निर्माण शुरू
प्रशासन ने इंटर कॉलेज हर्षिल, GMVN गेस्ट हाउस और झाला में राहत शिविर स्थापित कर दिए हैं। प्रभावितों को वहां अस्थायी रूप से रखा जा रहा है, साथ ही भोजन, कपड़े और चिकित्सा सुविधा भी दी जा रही है।
राज्य सरकार ने एनआईएम और SDRF की मदद से लिम्चागाड क्षेत्र में अस्थायी पुल निर्माण का काम शुरू कर दिया है, जिससे आवाजाही बहाल हो सके।
👨💼 वरिष्ठ अधिकारी मौके पर तैनात, सरकार की प्राथमिकता- हर पीड़ित तक पहुंचे राहत
राज्य सरकार ने मंगलवार शाम को ही तीन वरिष्ठ IAS अधिकारियों, दो IG और तीन SSP स्तर के पुलिस अधिकारियों को उत्तरकाशी में तैनात कर दिया था, ताकि राहत कार्यों में पूर्ण समन्वय बना रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा – “हमारी प्राथमिकता है कि एक भी पीड़ित राहत से वंचित न रहे। राज्य सरकार की पूरी मशीनरी पूरी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ कार्य कर रही है।”
उत्तरकाशी की यह आपदा भले ही प्राकृतिक हो, लेकिन राहत और बचाव की जो व्यवस्थाएं केंद्र व राज्य सरकार ने की हैं, वे भारत के आपदा प्रबंधन के मजबूत इरादों की झलक देती हैं। यह सिर्फ राहत कार्य नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना और उत्तरदायित्व का जीवंत उदाहरण है।