
उत्तराखंड में मलिन बस्तियों का मामला लंबे समय से चल रहा है. जिसको लेकर फिर NGT के हस्तक्षेप के बाद मामला और गरमा गया है. सरकार लगातार तीन बार मलिन बस्तियों के मामले में अध्यादेश लाकर इन्हें बचाने में लगी हुई है. अब NGT यानि National green tribunal ने राज्य सरकार के मलिन बस्तियों से संबंधित अध्यादेश को मानने से साफ़ इनकार कर दिया. एनजीटी ने कहा इस तरह के कोई अध्यादेश अगर केंद्र लेकर आती हैं तो वही मान्य होंगे. हाल ही में उत्तराखंड सरकार लगातार तीसरी बार मलिन बस्तियों को राहत देने के लिए अध्यादेश लाकर आई है. इस पर एनजीटी ने आपत्ति जताई है. इस पर अब राजनैतिक दल भी आमने सामने आ गए हैं. उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा सरकार सिर्फ चुनावों में वोट बैंक के लिए मलिन बस्तियों का फायदा उठाती है. हरीश रावत सरकार में मलिन बस्तियों के लिए बिल लाया गया. जिसे भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया था. उन्होंने कहा ऐसे अध्यादेश लाने का क्या फ़ायदा जिसे एनजीटी ने ही मानने से इंकार कर दिया है.
 
				


