
देहरादून – उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। पंचायती राज निदेशालय ने आरक्षण प्रस्ताव तैयार कर उत्तराखंड शासन और राज्य निर्वाचन आयोग को सौंप दिया है। अब 21 जून को पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी, जिसके साथ ही राज्य के 12 जिलों में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी।
राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग की तैयारियों के अनुसार, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे और पूरी चुनाव प्रक्रिया जुलाई के अंत तक पूरी होने की संभावना है।
पंचायती राज सचिव चंद्रेश यादव ने बताया कि प्रदेश के 12 जिलों में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के पदों के लिए चुनाव कराए जाएंगे। उन्होंने बताया:
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ग्राम प्रधान के 7817 पदों में से
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ST के लिए 226,
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SC के लिए 1467,
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OBC के लिए 1250 पद आरक्षित किए गए हैं।
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50% से अधिक पदों पर महिलाओं को आरक्षण मिला है।
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ब्लॉक प्रमुख के 89 पदों में
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ST के लिए 3,
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SC के लिए 18,
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OBC के लिए 15 पद आरक्षित।
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जिला पंचायत अध्यक्ष के 12 पदों में
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SC के लिए 2,
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OBC के लिए 2,
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9 पद अनारक्षित,
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महिलाओं के लिए 50% से अधिक पद आरक्षित।
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यह चुनाव ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया के तहत हो रहे हैं, इसलिए इन्हें ‘प्रथम चक्र’ माना जा रहा है। सभी जिलों में आरक्षण का रोस्टर इसी आधार पर लागू किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव प्रक्रिया में लगभग 28 से 30 दिन लगेंगे, इसलिए 20 जुलाई तक पंचायत चुनाव संपन्न हो सकते हैं।
आरक्षण प्रस्ताव का अंतिम प्रकाशन जिलाधिकारियों द्वारा कर दिया गया है। अब राज्य निर्वाचन आयोग की अनुमति के बाद 21 जून को अधिसूचना जारी की जाएगी, जिसके साथ ही प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया विधिवत रूप से शुरू हो जाएगी।
इस बार पंचायत चुनाव न केवल नई आरक्षण नीति के तहत हो रहे हैं, बल्कि महिलाओं को भी पहले से अधिक प्रतिनिधित्व मिल रहा है। आने वाले कुछ ही दिनों में पूरे प्रदेश का ग्रामीण नेतृत्व तय करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।