देशफीचर्ड

‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ से लेकर ‘370’ तक, सरकारों के भरोसेमंद हीरो अजीत डोभाल की कहानी

खबर को सुने

NDA सरकार ने अजीत डोभाल को एक बार फिर देश का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है. 30 मई 2014 से वो इस पद पर हैं. बतौर एनएसए ये उनका तीसरा कार्यकाल है, दुनिया में वो भारत के ‘जेम्स बॉन्ड’ के नाम से भी जाने जाते हैं. अजीत डोभाल जम्मू-कश्मीर के साथ ही मिजोरम और पंजाब में कई आंतकवाद विरोधी ऑपरेशन में शामिल रहे हैं. डोभाल का करियर काफी दिलचस्प रहा है. नरेंद्र मोदी जब पहली बार 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने तो आतंकवाद के खिलाफ डोभाल के तजुर्बे, कूटनीतिक फैसले लेने की समझ और राष्ट्रवादी विचारधारा को देखते हुए उन्हें NSA पद की अहम जिम्मेदारी दी.

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन्स को अंजाम दिया. कहा जाता है कि अमेरिका और रूस के साथ बैलेंस बनाकर चलने की पॉलिसी में अजीत डोभाल का बड़ा रोल था. मोदी सरकार के दूसरे टर्म में यानी कि 2019 में जब सरकार बनी तो उसके कुछ महीने बाद 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया. आतंकवाद का दंश झेल रहे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से पहले सरकार के सामने कई चुनौतियां थीं. इसमें सबसे बड़ी चुनौती थी जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था. साथ ही वहां की अलगाववादी विचारधारा पर काबू पाना.

सरकार के इस कदम से पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती, घाटी के अन्य नेता, सीधे तौर पर सरकार को चेतावनी दे चुके थे कि अनुच्छेद 370 को छुआ तो परिणाम गंभीर होंगे. एक तरफ सुरक्षा का मुद्दा था तो दूसरी तरफ इस तरह के बयानों से होने वाले असर को रोकने की भी चुनौती थी. 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के खात्मे का ऐलान हुआ. जम्मू-कश्मीर की सड़कों पर पसरे सन्नाटे के बीच 7 अगस्त को अजीत डोभाल खुद जम्मू-कश्मीर पहुंच गए. उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. वो कश्मीर की गलियों में घूमे. लोगों के साथ सड़क किनारे खाना भी खाया.

अमूमन पर्दे के पीछे रहकर काम करने वाले डोभाल इस बार सामने आए और सरकार द्वारा दी गई जिम्मेदारी को बखूबी निभाया. ये पहला मौका नहीं है, जब वो दी गई जिम्मेदारियों पर खरे उतरे थे. इससे पहले उन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार में अहम रोल प्ले किया था. डोभाल की रणनीति की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी मुरीद थीं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button