
देहरादून: उत्तराखंड में मौसम एक बार फिर कहर बरपा रहा है। देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और चमोली जैसे जिलों में भारी बारिश का हाई अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के कई इलाकों में नदियाँ उफान पर हैं और बरसाती नालों का पानी घरों तक घुस आया है। चमोली जिले में हालात सबसे ज्यादा गंभीर बताए जा रहे हैं, जहां नंदा नगर क्षेत्र के कुंतरी गांव में कई घर मलबे की चपेट में आ गए। शुरुआती सूचना के अनुसार इस हादसे में 6 मकान पूरी तरह तबाह हो गए हैं और 7 लोग लापता हैं। दो लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
चमोली में तबाही का मंजर
मौसम विभाग ने पहले ही चमोली में भारी बारिश की चेतावनी दी थी और यह पूरी तरह सही साबित हुई। बुधवार रात से लगातार हो रही बारिश ने जनपद के नंदा नगर इलाके में हालात बिगाड़ दिए।
- नगर पंचायत नंदानगर के वार्ड कुन्तरि लगाफाली में भारी बारिश के बाद मलबे का ढेर कई घरों पर टूट पड़ा।
- 6 घर पूरी तरह नष्ट हो गए।
- 7 लोग अब भी लापता हैं जबकि 2 को स्थानीय लोगों और पुलिस ने बचा लिया है।
गांव के लोगों का कहना है कि कई परिवार घर के भीतर फंसे हुए हैं और बाहर निकलने की कोशिश भी नहीं कर पा रहे हैं। मलबे की वजह से राहत दल मौके तक आसानी से नहीं पहुंच पा रहे हैं।
राहत-बचाव में मुश्किलें
नंदा नगर थाना पुलिस, SDRF और प्रशासनिक टीमें राहत-बचाव के लिए निकल चुकी हैं, लेकिन खराब मौसम और पहाड़ धंसने से रास्ते जाम हैं।
- स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तक सिर्फ कुछ ही राहत टीमें गांव तक पहुंच पाई हैं।
- कई जगहों पर लैंडस्लाइड की वजह से सड़कें बंद हो चुकी हैं।
- बिजली और संचार सेवाएँ भी बाधित हैं, जिससे स्थिति और पेचीदा हो गई है।
देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी में हाई अलर्ट
बारिश का असर सिर्फ चमोली तक सीमित नहीं है।
- राजधानी देहरादून में मंगलवार रात से तेज बारिश ने कई इलाकों को जलमग्न कर दिया।
- हरिद्वार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के बेहद करीब पहुँच गया है।
- पौड़ी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग में कई जगह भूस्खलन की खबरें हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों के लिए एडवाइजरी जारी की है और लोगों से घरों से बाहर निकलने में सतर्कता बरतने की अपील की है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पहले ही चेतावनी दी थी कि 48 घंटे तक उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
- देहरादून, नैनीताल, टिहरी, रुद्रप्रयाग और चमोली जैसे जिलों में रेड अलर्ट जारी है।
- अगले दो दिनों तक इन इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन की आशंका जताई गई है।
स्थानीय लोगों का दर्द
कुंतरी गांव के निवासी बताते हैं कि अचानक तेज बहाव और मलबे के गिरने से लोग कुछ समझ ही नहीं पाए।
- एक महिला का कहना है, “हमने पहले कभी इतनी तेज बारिश नहीं देखी। घरों में मलबा घुस गया और लोग बाहर तक नहीं निकल सके।”
- ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द लापता लोगों की तलाश की जाए और बेघर हुए परिवारों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जाए।
पिछले दिनों की घटनाओं का संदर्भ
उत्तराखंड इस मानसून में लगातार आपदा झेल रहा है।
- अगस्त में टिहरी और रुद्रप्रयाग में भारी बारिश के चलते कई लोग लापता हुए थे।
- नैनीताल और कुमाऊं क्षेत्र में पिछले महीने भूस्खलन से बड़ी तबाही हुई थी।
- राज्य में अब तक सैकड़ों मकान आंशिक या पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है।
प्रशासन की तैयारी और चुनौती
मुख्यमंत्री कार्यालय से आपदा प्रबंधन विभाग को लगातार अपडेट भेजने और राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
- SDRF और NDRF की टीमें अलर्ट मोड पर हैं।
- चमोली समेत संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त फोर्स भेजी गई है।
- जिलाधिकारियों को स्कूल-कॉलेज बंद रखने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के आदेश दिए गए हैं।
हालांकि, दुर्गम इलाकों में सड़क मार्ग टूटने और लगातार बारिश के चलते बचाव कार्यों को अंजाम देना बड़ी चुनौती बना हुआ है।
उत्तराखंड एक बार फिर प्रकृति की मार झेल रहा है। चमोली की घटना ने दिखा दिया है कि पहाड़ी राज्यों में बारिश सिर्फ राहत नहीं, बल्कि कभी-कभी जानलेवा आफत भी बन जाती है। प्रशासन की पूरी कोशिश है कि हालात को संभाला जाए और लोगों की जान बचाई जा सके, लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी ने आने वाले दिनों के लिए चिंता और बढ़ा दी है।