
बालासोर/भुवनेश्वर। ओडिशा के फकीर मोहन ऑटोनोमस कॉलेज, बालासोर की छात्रा, जिसने कॉलेज प्रशासन द्वारा उत्पीड़न का आरोप लगाकर खुद को आग लगा ली थी, की सोमवार देर रात एम्स भुवनेश्वर में मौत हो गई। छात्रा को गंभीर हालत में जिला अस्पताल से रेफर कर 12 जुलाई की शाम एम्स के बर्न्स ICU में भर्ती कराया गया था, लेकिन तमाम चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।
एम्स प्रशासन के अनुसार, छात्रा को भर्ती के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट और एंटीबायोटिक थेरेपी दी जा रही थी। 14 जुलाई की रात 11:46 बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया।
डिप्टी सीएम और राष्ट्रपति ने की मुलाकात
छात्रा की मौत के बाद राज्य की उपमुख्यमंत्री प्रवति परिदा एम्स पहुंचीं और पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, “हमने हरसंभव प्रयास किया लेकिन छात्रा को नहीं बचा सके। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।”
इससे पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी छात्रा के इलाज के दौरान एम्स पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की थी और उन्हें ढांढस बंधाया था।
मुख्यमंत्री ने दी सख्त कार्रवाई की गारंटी
मुख्यमंत्री मोहन माझी ने घटना पर शोक जताते हुए सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर लिखा, “सरकार विशेषज्ञ डॉक्टरों के तमाम प्रयासों के बावजूद छात्रा की जान नहीं बचा सकी, जो अत्यंत दुखद है। मैं पीड़ित परिवार को आश्वस्त करता हूं कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। मैंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। सरकार हर कदम पर परिवार के साथ है।”
राजनीतिक घमासान, प्रदर्शन तेज
इस संवेदनशील मामले ने अब राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। छात्रा की मौत के बाद कांग्रेस और बीजेडी के कार्यकर्ताओं ने एम्स के बाहर धरना प्रदर्शन किया। घटना की निष्पक्ष जांच और उच्चस्तरीय कार्रवाई की मांग की जा रही है।
पुलिस ने एफएम कॉलेज के प्रिंसिपल और संबंधित विभागाध्यक्ष (HOD) को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जांच जारी है।