Uttarakhand: सीएम धामी ने वन क्लिक से जारी की ₹13982.92 लाख की पेंशन किस्त; 9.38 लाख लाभार्थी हुए लाभान्वित
मुख्यमंत्री का बड़ा निर्देश: अब हर माह की 5 तारीख तक अनिवार्य रूप से खातों में पहुँचेगी पेंशन, राज्य के सभी सरकारी आयोजनों में बुके की जगह ‘बुक’ और स्थानीय उत्पादों को अनिवार्य किया गया

देहरादून, 5 दिसंबर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्यमंत्री आवास में समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित “पेंशन किश्त वितरण” कार्यक्रम के दौरान पेंशन भुगतान व्यवस्था को लेकर कई महत्वपूर्ण और सख्त निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य में समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत दी जाने वाली सभी पेंशन अनिवार्य रूप से हर महीने की 5 तारीख तक लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुँचनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि पेंशन भुगतान में किसी भी प्रकार की देरी अब बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
डीबीटी के माध्यम से ₹13982.92 लाख की पेंशन का ‘वन क्लिक’ भुगतान
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वन क्लिक के माध्यम से नवंबर 2025 की पेंशन किस्त जारी की। कुल ₹13982.92 लाख की राशि सीधे डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से 9,38,999 लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचाई गई। इसमें वृद्धावस्था, विधवा, दिव्यांग, किसान, परित्यक्ता, तीर्थ पुरोहित, भरण-पोषण अनुदान और बौना पेंशन सहित समाज कल्याण विभाग की कुल आठ महत्वपूर्ण पेंशन योजनाएँ शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेंशन योजनाएँ समाज के कमजोर एवं जरूरतमंद वर्गों के लिए जीवनरेखा की तरह हैं, इसलिए इनके सुचारु संचालन में किसी भी प्रकार की ढिलाई स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने कहा:
“राज्य की पेंशन व्यवस्था समयबद्ध, सरल, पारदर्शी और प्रभावी हो—यह हमारी प्राथमिकता है। किसी भी वृद्ध, विधवा, दिव्यांग या जरूरतमंद व्यक्ति को पेंशन के लिए एक दिन भी इंतजार न करना पड़े।”
सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ होंगी इंटीग्रेटेड—डुप्लीकेसी पर पूरी तरह रोक
मुख्यमंत्री धामी ने समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि समान प्रकृति वाली सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को एकीकृत (Integrated) किया जाए, ताकि योजनाओं में डुप्लीकेसी समाप्त हो सके और लाभ सही पात्र व्यक्तियों तक ही पहुंचे।
उन्होंने कहा कि योजनाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम आवश्यक है और इससे संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा।
सभी पेंशन योजनाओं का इंटरनल ऑडिट—अयोग्य व्यक्ति पर कार्रवाई की चेतावनी
पेंशन प्रणाली में सुधार को और मजबूत करते हुए मुख्यमंत्री ने विभाग को सभी योजनाओं का नियमित इंटरनल ऑडिट करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि:
- कोई भी अयोग्य व्यक्ति पेंशन का लाभ न ले
- पात्र व्यक्ति तक समय पर पेंशन पहुँचे
- गलत पंजीकरण और फर्जीवाड़े पर पूर्ण रोक लगे
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि पात्रता की अनदेखी या दुरुपयोग पाए जाने पर संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड में सरकारी कार्यक्रमों में बड़ा बदलाव—अब बुके की जगह ‘बुक’
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने राज्य की सरकारी कार्यपद्धति में एक बड़ा बदलाव भी घोषित किया। उन्होंने निर्देश दिया कि:
- सभी सरकारी आयोजनों में अब बुके की जगह ‘बुक’ दी जाएगी
- किसी भी स्मृति-चिह्न, उपहार या सम्मान सामग्री में पहाड़ के स्थानीय उत्पादों का ही प्रयोग किया जाए
- सभी सरकारी कार्यक्रम अधिक सादगीपूर्ण, समय-कुशल और संसाधन-कुशल हों
धामी ने कहा कि यह कदम न केवल अनावश्यक खर्च पर रोक लगाएगा, बल्कि “लोकल फॉर वोकल” को बढ़ावा देगा और उत्तराखंड के हस्तशिल्प, हस्तकरघा और पारंपरिक उत्पादों को नई पहचान देगा।
डीबीटी से पेंशन प्रणाली बनी देश का मॉडल—पारदर्शिता और सुशासन को मिली नई गति
समाज कल्याण विभाग ने बताया कि राज्य की पेंशन प्रणाली अब पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी हो चुकी है। डीबीटी के माध्यम से सीधे बैंक खातों में पेंशन राशि भेजने की इस व्यवस्था से—
- बिचौलियों की भूमिका खत्म हुई
- भ्रष्टाचार पर लगाम लगी
- लाभार्थियों को कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं रही
- पूरे सिस्टम में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ी
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया की सोच के अनुरूप उत्तराखंड की पेंशन प्रणाली अब “आदर्श डिजिटल मॉडल” के रूप में विकसित हो रही है।
राज्य की प्रतिबद्धता: हर वर्ष लगभग ₹14000 करोड़ की सामाजिक सुरक्षा सहायता
विभागीय जानकारी के अनुसार समाज कल्याण विभाग की पेंशन योजनाओं पर लगभग ₹13982.92 लाख की वार्षिक राशि व्यय की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राशि राज्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा और जनकल्याण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जरूरतमंदों के जीवन में आर्थिक स्थिरता, सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सीएम ने की विभागीय प्रयासों की सराहना
कार्यक्रम में सचिव श्रीधर बाबू अदाकी, अपर सचिव बंशीधर तिवारी सहित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में पेंशन प्रणाली को और अधिक सुगम, पारदर्शी और जन-केंद्रित बनाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि— “जनसेवा ही शासन का वास्तविक उद्देश्य है। पेंशन योजनाओं को मजबूत बनाना हमारी निरंतर प्राथमिकता रहेगी।”



