
CBI ने शुक्रवार को दिल्ली के उप मुख्यमन्त्री मनीष सिसोदिया औऱ कुछ अफसरों के घर की इस मामले में सीबीआई ने जो FIR दर्ज की है, उसमें सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाने के साथ अन्य 15 लोगों पर आरोप लगाए हैं. FIR में कहा गया है कि एक शराब कारोबारी ने मनीष सिसोदिया के एक करीबी को एक करोड़ रुपये का भुगतान किया था. जांच एजेंसी ने एक्साइज पॉलिसी 2021 को लागू करने में कथित तौर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.
CBI ने इस केस में मनीष सिसोदिया के आवास समेत सात राज्यों के कुल 21 स्थानों पर छापेमारी की है. CBI ने मनीष सिसोदिया की गाड़ी की भी तलाशी ली CBI ने FIR में कुल 15 लोगों को आरोपी बनाया है, इसमें आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. आबकारी मंत्रालय संभालने वाले मनीष सिसोदिया के अलावा, CBI ने आरोपी के रूप में तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, उप आबकारी आयुक्त आनंद कुमार तिवारी, सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर, 9 व्यवसायी और 2 कंपनियों को नामजद किया है. ये फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिये एलजी से मिली जांच एजेंसी को मंजूरी के बाद दर्ज की गई है.
CBI ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया और अन्य आरोपी नौकरशाहों ने “टेंडर के बाद लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ देने के इरादे से सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित सिफारिश की और उस पर साथ ही निर्णय लिया. इसमें कहा गया है कि एंटरटेनमेंट और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व CEO विजय नायर, पर्नोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी मनोज राय, ब्रिंडको स्प्रिट्रिस के मालिक अमनदीप ढाल और इंडोस्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्रू सक्रिय रूप से आबकारी नीति तैयार करने और उसे लागू करने में हुई गड़बड़ी में शामिल रहे हैं.