
देहरादून, 13 अगस्त 2025 (सू.वि) — उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली और हर्षिल क्षेत्र में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से हुए भारी नुकसान के बीच, राहत और पुनर्वास कार्यों को गति देने के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया आगे आया है। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके आवास पर बैंक के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट कर ₹1 करोड़ की धनराशि का योगदान दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संकट के समय में संस्थाओं और समाज के विभिन्न वर्गों का आगे आकर योगदान देना न केवल राहत कार्यों को मजबूती देता है, बल्कि यह मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक जिम्मेदारी का श्रेष्ठ उदाहरण भी है।
“आपदा पीड़ितों के लिए संस्थागत सहयोग प्रशंसनीय है। यह योगदान न केवल प्रभावित परिवारों की मदद करेगा, बल्कि यह संदेश भी देगा कि कठिन समय में हम सब एकजुट हैं।” — मुख्यमंत्री धामी
आपदा की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल क्षेत्र में बीते दिनों बादल फटने और भारी वर्षा के कारण गंभीर तबाही हुई थी। इस आपदा में कई घर, होटल और दुकानें बह गईं, जबकि सैकड़ों लोग फंस गए थे। राज्य सरकार ने सेना, एनडीआरएफ और प्रशासनिक टीमों के सहयोग से राहत व बचाव कार्य शुरू किए। अब पुनर्वास और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया जारी है, जिसके लिए बड़े पैमाने पर आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता है।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का सामाजिक योगदान
बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई बैठक के दौरान, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया देहरादून की क्षेत्रीय प्रमुख अर्चना शुक्ला, वरिष्ठ अधिकारी बिभूति भूषण राउत और मनोहर सिंह उपस्थित रहे। उन्होंने बैंक की ओर से आपदा राहत कोष में ₹1 करोड़ की राशि का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा।
बैंक के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह योगदान केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि आपदा प्रभावित परिवारों के प्रति एकजुटता और संवेदना का प्रतीक है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी इस तरह के सामाजिक कार्यों में बैंक सक्रिय भूमिका निभाता रहेगा।
आपदा राहत में संस्थागत भागीदारी का महत्व
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड जैसे भौगोलिक रूप से संवेदनशील राज्य में आपदा की संभावना हमेशा बनी रहती है। ऐसे में राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ निजी और सार्वजनिक संस्थाओं का सहयोग बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का यह योगदान अन्य संस्थाओं और संगठनों को भी प्रेरित करेगा कि वे आगे आकर आपदा पीड़ितों की मदद करें।
आगे की योजना
मुख्यमंत्री ने बताया कि राहत कोष में प्राप्त राशि का उपयोग प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी आश्रय, खाद्य सामग्री, चिकित्सा सुविधाएं, और बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में किया जाएगा। साथ ही, प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और आजीविका पुनर्स्थापन के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं।
उपस्थित अधिकारी
इस अवसर पर राज्य सरकार की ओर से अपर सचिव मनमोहन मैनाली उपस्थित रहे। बैठक का माहौल सौहार्दपूर्ण रहा और इसमें आपदा प्रबंधन की भावी रणनीतियों पर भी चर्चा हुई।
यह योगदान और मुख्यमंत्री की सराहना इस बात का प्रमाण है कि जब समाज के सभी वर्ग एकजुट होते हैं, तो किसी भी आपदा का सामना मजबूती से किया जा सकता है। उत्तरकाशी के प्रभावित लोग न केवल आर्थिक सहायता, बल्कि इस मानवीय संवेदना से भी राहत महसूस करेंगे।