
भुवनेश्वर। ओडिशा के कंधमाल जिले से एक बेहद चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां सरकारी छात्रावास में रहने वाली 10वीं कक्षा की दो नाबालिग छात्राएं गर्भवती पाई गई हैं। यह खुलासा नियमित स्वास्थ्य जांच के दौरान हुआ, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। पुलिस ने इस मामले में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, दोनों छात्राएं कंधमाल जिले के तुमुदिबांध ब्लॉक स्थित दो अलग-अलग आवासीय बालिका उच्च विद्यालयों में पढ़ती हैं और वहीँ छात्रावास में रह रही थीं। गर्मी की छुट्टियों के बाद छात्रावास में लौटने पर जब उनकी मेडिकल जांच कराई गई, तो गर्भवती होने की पुष्टि हुई। इसके बाद छात्रावास प्रशासन ने तत्काल मामले की सूचना पुलिस को दी।
जाजपुर में प्रोफेसर पर छात्र से यौन उत्पीड़न का आरोप
इसी बीच, ओडिशा के जाजपुर जिले में एक छात्र द्वारा प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का सनसनीखेज आरोप लगाया गया है। राजनीति विज्ञान के तृतीय वर्ष के छात्र ने शिकायत दर्ज कराई है कि विभागाध्यक्ष ने उसे उच्च ग्रेड देने के बदले शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डाला। छात्र के अनुसार, मना करने पर प्रोफेसर ने परीक्षा में फेल कराने की धमकी दी। पीड़ित छात्र ने यह भी आरोप लगाया कि 16 जुलाई को दो सहपाठियों की मौजूदगी में उसे जानबूझकर फेल करने की धमकी दी गई थी।
पुलिस ने छात्र की शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। वहीं, उच्च शिक्षा विभाग ने भी इस घटना को गंभीरता से लेते हुए संबंधित संस्थान से रिपोर्ट मांगी है।
प्रशासन और समाज के लिए गंभीर चुनौती
इन दोनों मामलों ने न केवल राज्य प्रशासन को चिंता में डाल दिया है, बल्कि शिक्षा संस्थानों की निगरानी व्यवस्था और छात्राओं की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटनाएं बाल संरक्षण तंत्र की कमजोरी और संस्थागत असंवेदनशीलता को उजागर करती हैं।