
अवैध रूप से संचालित तीन मदरसे सील,फोर्स तैनात
हल्द्वानी। बनभूलपुरा इलाके में कई अवैध मदरसा संचालित होने के शिकायत और जांच के बाद जिला प्रशासन ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से संचालित तीन मदरसों को सील किया है।
अपर जिलाधिकारी विवेक राय के नेतृत्व में सुरक्षा के मद्दे नजर भारी पुलिस फोर्स और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कार्रवाई हुई। अपर जिलाधिकारी विवेक राय ने बताया सर्वे और जांच में सामने आया है कि सील किए गए सभी मदरसे अवैध रूप से संचालित हो रहे थे। इसके अलावा कुछ मदरसों के खिलाफ गंभीर शिकायतें भी दर्ज की गई थीं। यहां बच्चों के बैठने की समुचित व्यवस्था न होना, शौचालय और स्वच्छता की कमी, सुरक्षा उपायों के तहत सीसीटीवी कैमरे न होना आदि पाए गए हैं। मदरसा संचालन की मान्यता भी नहीं है।
कुछ मदरसे तो मस्जिदों के भीतर ही संचालित हो रहे थे जो कि नियमों के विरुद्ध पाये गये। प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। जिससे कानून-व्यवस्था बनी रहे। वर्ष 2024 में 8 फरवरी को बनभूलपुरा में अवैध मदरसा ध्वस्त करने के बाद वहां पर हुई हिंसा से सबक लेते हुए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने रविवार को ही कार्रवाई को गंभीरता से लिया है। शहर में भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात की गई है।
आयुक्त पद से हटाए गए धर्मशक्तू
देहरादून। शासन ने पीसीएस अधिकारी चंद्र सिंह धर्मशक्तू को आयुक्त पद से हटाने का फैसला लिया है। धर्मशक्तू के खिलाफ तमाम कर्मचारियों द्वारा शिकायत किए जाने की बात लगातार सामने आ रही थी। ऐसे में शासन ने बड़ा निर्णय लेते हुए उन्हें आयुक्त पद से हटाकर फिलहाल कोई नहीं जिम्मेदारी नहीं दी है।
उत्तराखंड में एक तरफ शासन से लेकर जिला स्तर पर अधिकारी ट्रांसफर सूची का इंतजार कर रहे हैं तो वहीं इस बीच एक पीसीएस अधिकारी को पद से हटाए जाने की खबर सामने आई है। पीसीएस अधिकारी को उनके मौजूदा पद से हटाकर कोई नई जिम्मेदारी भी नहीं दी गई है। जाहिर है कि पिछले कुछ समय से अधिकारी के खिलाफ मिल रही शिकायतों से शासन के निर्णय को जोड़कर देखा जा रहा है।
शासन स्तर पर कार्मिक विभाग में अनु सचिव नागेश सिंह नेगी ने यह आदेश किया है। जिसमें कार्य हित को वजह बताते हुए तत्काल प्रभाव से पीसीएस अफसर चंद्र सिंह धर्मशक्तू को आयुक्त गन्ना एवं चीनी पद से हटाने के आदेश जारी किए गए हैं। आदेश में चंद्र सिंह को यह भी निर्देशित किया गया है कि वह अविलंब वर्तमान पदभार से कार्य मुक्त होकर उससे जुड़ी आख्या शासन को उपलब्ध कराएं।
उधर दूसरी तरफ राज्य में ऐसे कुछ दूसरे अधिकारियों को भी आगामी सूची में हल्का किए जाने की खबर है. दरअसल, प्रदेश में तबादला सूची को लेकर मुख्यमंत्री के स्तर पर चर्चा की गई है. इस दौरान कई अधिकारियों की जिम्मेदारियां बढ़ाने पर निर्णय हुआ है. कुछ अफसरों की जिम्मेदारियां कम भी की जानी है. हालांकि, काफी पहले ही इस तबादला सूची के जारी होने के प्रयास लगाए जा रहे थे, लेकिन, अभी फिलहाल तबादला सूची मुख्यमंत्री के स्तर पर लंबित है.