
उत्तराखंड सरकार द्वारा “सशक्त उत्तराखंड” अभियान के तहत प्रस्तावित चिंतन शिविर को फिलहाल टाल दिया गया है। यह शिविर 25 से 27 अप्रैल के बीच नैनीताल में आयोजित होना था, लेकिन अब इसे अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है। सभी संबंधित अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गई है, हालांकि नई तारीख की घोषणा अभी नहीं हुई है।
सूत्रों के मुताबिक, इस शिविर को स्थगित करने के पीछे राज्य में संभावित प्रशासनिक बदलाव एक अहम कारण माना जा रहा है। मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने भी शिविर के स्थगित होने की पुष्टि की है। संभावना जताई जा रही है कि नौकरशाही में बदलाव के बाद ही इस आयोजन को नई तारीख पर आयोजित किया जाएगा।
पिछले कुछ समय से राज्य में अफसरों के तबादलों को लेकर चर्चाएं गर्म हैं। मुख्यमंत्री स्तर पर भी अधिकारियों से बैठकों का दौर जारी रहा है। सचिवालय से लेकर ज़िला स्तर तक कई पदों पर बदलाव को लेकर लगभग सहमति बन चुकी है। हालांकि कुछ जिलों में डीएम की नियुक्ति को लेकर असमंजस के चलते बदलाव की सूची अभी तक जारी नहीं की गई है।
शिविर को टालने का एक और कारण चारधाम यात्रा की तैयारियां भी बताई जा रही हैं। 30 अप्रैल से यात्रा शुरू होनी है, और अधिकारियों का एक साथ नैनीताल में एकत्र होना यात्रा की तैयारियों को प्रभावित कर सकता है। इसलिए संभावना है कि अब यह शिविर मई माह में आयोजित किया जाएगा।
नैनीताल स्थित आरएस टोलिया उत्तराखंड एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन को इस बार के चिंतन शिविर का स्थल चुना गया था, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ अफसरों को भाग लेना था। इस शिविर में पर्यटन, ग्रामीण रोजगार, आयुष वेलनेस, कौशल विकास जैसे विषयों पर चर्चा और प्रेजेंटेशन होने थे।
गौरतलब है कि पूर्व में एक चिंतन शिविर मसूरी में आयोजित हो चुका है, जब एसएस संधू मुख्य सचिव थे। यह पहला अवसर होता जब आनंद वर्धन मुख्य सचिव के तौर पर अधिकारियों से संवाद करते।